वायु प्रदूषण को माना गया नौ साल की बच्ची की मौत की वजह, दुनिया का पहला मामला
नई दिल्ली। दुनिया में पहली बार किसी मौत की वजह वायु प्रदूषण माना गया है। यूके की नौ साल की बच्ची के डेथ सर्टिफिकेट पर मौत का कारण वायु प्रदूषण लिखा गया है। दुनियाभर में ये पहला मौका है, जब किसी के डेथ सर्टिफिकेट में वायु प्रदूषण को मौत की वजह लिखा गया है। नौ साल की इस बच्ची ऐला एडू की मौत फरवरी, 2013 में अस्थमा अटैक से हुई थी। वहां की एक अदालत ने अब इस बात पर मुहर लगाई है कि एला की मौत की वजह वायु प्रदूषण था।
मां ने कोर्ट में लड़ा केस
एला लंदन के दक्षिण-पूर्वी इलाके लेविशहम में रहती थी। वह रोज पैदल अपने स्कूल पहुंचती थी। फरवरी 2013 में एला की मौत दमे के चलते हो गई। एला की मां रोजामंड ने अपनी बेटी की मौत के बाद इस बात के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी कि उनकी बेटी की मौत की वजह में प्रदूषण को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि लगातार हवा के खराब स्तर की वजह से उनकी बेटी की मौत हुई।
जांच अधिकारी ने माना प्रदूषण को वजह
परिवार के वकील ने कोर्ट से कहा कि वायु प्रदूषण हेल्थ इमरजेंसी है और इसे मौत की आधिकारिक वजह मानना इसलिए जरूरी है ताकि लोगों के स्वास्थ्य को खतरनाक प्रदूषण से बचाया जा सके। एला की मौत की जांच करने वाले ऑफिसर ने माना कि सांस की तकलीफ की वजह से एला की मौत हुई, जिसमें वायु प्रदूषण अहम वजह था। आखिर कोर्ट ने भी माना है कि एला की मौत वायु प्रदूषण से हुए अस्थमा अटैक की वजह से हुई थी। जिसके बाद उसके डेथ सर्टिफिकेट में प्रदूषण को मौत की वजह लिखा गया।
वायु प्रदूषण दुनिया की बड़ी समस्या
वायु प्रदूषण से अलग-अलग संगठनों के मुताबिक हर साल लाखों बच्चों की मौत हो जाती है। वहीं एक अन्य आंकड़े के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल करीब 70 लाख लोग वायु प्रदूषण की वजह से जान गंवाते हैं। कई सर्वे बताते हैं कि दुनिया के ज्यादातर बड़े शहरों में हवा के मानक सांस लेने लायक नहीं हैं। हालांकि मौत की वजह बीमारियां ही दर्ज होती हैं। दुनिया के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी के डेथ सर्टिफिकेट पर मौत की वजह वायु प्रदूषण लिखा गया है।
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