अफगान महिलाओं ने ट्विटर पर मचाया हंगामा, पारंपरिक लिबास में डाल रही हैं तस्वीरें, बौखलाया तालिबान
तालिबान ने अफगान महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। उनके लिए बुर्के में रहना अनिवार्य कर दिया गया है तो महिलाओं के खेल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
काबुल, सितंबर 13: महिलाओं के खिलाफ तालिबान के क्रूर शासन के खिलाफ अफगानिस्तान की महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। तालिबान ने महिलाओं को बुर्के में रहना अनिवार्य कर रखा है, जिसके के खिलाफ महिलाओं ने पारंपरिक अफगान लिबास में अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करना शुरू कर दिया है। महिलाओं के मुहिम के बाद तालिबान बुरी तरह से बौखला गया है और धमकियां देनी शुरू कर दी है।
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महिलाओं की मुहिम
तालिबान बुर्का फरमान के विरोध में करोड़ों अफगान महिलाओं ने पारंपरिक अफगान पोशाक में अपनी तस्वीरें पोस्ट करके एक ऑनलाइन अभियान शुरू कर दिया है। मुट्ठी भर अफगान महिलाओं द्वारा शुरू किए गए #AfghanistanCulture को अब अफगानिस्तान और विदेशों में रहने वाली महिलाओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है और हजारों महिलाओं ने अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करनी शुरू कर दी है।
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तालिबान के विरोध में अभियान
महिलाओं के द्वारा शुरू की गई इस मुहिम को पूरी दुनिया से साथ मिल रहा है और उनके ट्विट्स को सैकड़ों- हजारों लोग री-ट्वीट्स कर रहे हैं। महिलाओं के कपड़ों पर तालिबान द्वारा लगाए गये प्रतिबंध के विरोध को और तेज करने के लिए #AfghanistanCulture और #AfghanWomen हैशटैग के साथ मुहिम चलाया जा रहा है। महिलाओं द्वारा शुरू किए गये इस विद्रोह को तालिबान बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है।
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सोशल मीडिया पर महिलाओं की क्रांति
अफगानिस्तान की महिलाओं ने तालिबान का विरोध करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है और उनकी क्रांति को भरपूर समर्थन मिल रहा है। अफगानिस्तान की महिला डॉक्टर बहर दलाली ने भी पारंपरिक अफगान लिबास में अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है और उन्होंने लिखा है कि ''ये है अफगानिस्तान की संस्कृति। मैंने अफगानिस्तान का पारंपरिक लिबास पहना है''।
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सोशल मीडिया पर कैम्पेन
वहीं, सिबघाट उल्लाह नाम के सोशल मीडिया यूजर ने भी कई तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अपलोड किया है। उन्होंने लिखा है कि ''अफगानिस्तान की महिलाओं ने पारंपरिक पोशाक के साथ तालिबान के ड्रेस कोड विरोध में ऑनलाइन कैम्पेन शुरू किया है। वो अपनी पारंपरिक लिबास में अपनी तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं''। महिलाओं के लिए पारंपरिक अफगान कपड़ों में टखनों को ढकने वाले बहने वाले कपड़े शामिल हैं। महिलाएं भी सिर ढकने के लिए स्कार्फ पहनती हैं। हालांकि, रूढ़िवादी बुर्का पहनने को तालिबान के पिछले शासन में अनिवार्य कर दिया गया था। अब एक बार फिर से तालिबान ने अफगानिस्तान में बुर्का प्रथा शुरू कर दिया है।
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पारंपरिक लिबास
वहीं, तहमीना अज़ीज ने भी पारंपरिक लिबास में अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया ट्विटर पर अपलोड किया है। जिसमें वो कह रही हैं कि मैंने गर्व के साथ अफगानिस्तान की पारंपरिक लिबास को पहना है। ये कई रंगों से भरा और खूबसूरत है। इस तस्वीर को हर कोई पसंद नहीं करेगा''। आपको बता दें कि, तालिबान के अधिग्रहण के बाद से कट्टरपंथियों ने अफगानिस्तान में महिलाओं की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए कई आदेश दिए हैं।
बौखलाया है तालिबान
तालिबान प्रशासन ने घोषणा की है कि अफगान महिलाओं को विश्वविद्यालयों में पढ़ने की अनुमति दी जाएगी क्योंकि देश खुद को फिर से बनाना चाहता है, लेकिन लिंग-अलगाव और इस्लामी ड्रेस कोड अनिवार्य होगा। तालिबान के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि जहां भी संभव हो वहां महिलाओं द्वारा छात्राओं को पढ़ाया जाएगा और तालिबान की शरिया कानून की व्याख्या के अनुसार कक्षाएं अलग-अलग रहेंगी।
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