Lata Mangeshkar की जन्मस्थली पर अब कपड़ों का मॉल, म्यूरल दिलाता है स्वर कोकिला की याद
स्वर कोकिला लता मंगेशकर का इंदौर से बेहद ही खास कनेक्शन रहा है, क्योंकि यही वह स्थली है, जहां लता जी का जन्म हुआ था। इंदौर से जुड़ी उनकी यादें अब भी जीवित हैं, जो हर पल इंदौरियों को लता जी की याद दिलाती रहती हैं।
स्वर कोकिला लता मंगेशकर की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें देश भर में याद किया जा रहा है, जहां संगीत प्रेमियों की ओर से लता जी की याद में कई सारे संगीतमय आयोजन भी किए गए हैं। 6 फरवरी 2022 का वह दिन देशभर के साथ-साथ प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के लिए भी बेहद ही पीड़ादायक था, जब स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने इस दुनिया को अलविदा कहा था। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का इंदौर से बेहद ही खास कनेक्शन रहा है, क्योंकि यही वह स्थली है, जहां लता जी का जन्म हुआ था।
कपड़ों का मॉल स्थापित
स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म इंदौर में 28 सितंबर 1929 को हुआ था। इंदौर के सिख मोहल्ला में दीनानाथ मंगेशकर का घर था, जहां स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने जन्म लिया था। जानकारी के मुताबिक लगभग 7 साल की उम्र तक लता मंगेशकर इंदौर के इसी घर में रही थी, उस समय यह घर बाघ साहब के बाड़े के रूप में जहां पहचाना जाता था। साल 1960 में इस घर को दोबारा बनाया गया था। वहीं अब इस स्थान पर कपड़ों का एक बेहद शानदार मॉल स्थापित किया गया है।
म्यूरल दिलाता है लता जी की याद
जानकारी के मुताबिक लता जी का जन्म जिस घर में हुआ था, उस घर को लता जी के इंदौर से जाने के बाद बेच दिया गया था, जहां दो बार बेचे जाने के बाद इस घर में कपड़े का शोरूम खोल दिया गया, जिस परिवार ने यह जगह कपड़े के शोरूम के लिए ली है, उस परिवार ने शोरूम में लता जी का बेहद ही खास म्यूरल स्थापित किया है। साथ ही जब भी लोग लता जी की जन्मस्थली देखने आते हैं, तो वह लता जी का यहां लगा म्यूरल देख भावुक हो जाते हैं। वहीं अब लता जी तो नहीं हैं, लेकिन इंदौर से जुड़ी उनकी यादें अब भी जीवित हैं, जो हर पल इंदौरियों को लता जी की याद दिलाती रहती हैं।
2005 में आखिरी बार आई थी इंदौर
जानकारी के मुताबिक 1986 में एक कार्यक्रम के दौरान लता मंगेशकर इंदौर आई थी, जहां उन्होंने नेहरू स्टेडियम में अपनी आवाज का जादू बिखेरा था। वहीं इसके बाद साल 2005 में लता मंगेशकर के इंदौर आने और भय्यू महाराज की आश्रम में पूजा करने की जानकारी भी निकल कर सामने आती है। वहीं इसके बाद से लता मंगेशकर इंदौर नहीं आई थी। बताया जाता है कि, इसके बाद लता मंगेशकर को इंदौर बुलाने की निरंतर प्रयास किए गए, लेकिन उसमें सफलता हासिल नहीं हुई। यही कारण लता मंगेशकर साल 2005 के बाद से इंदौर नहीं आ सकी थीं।
ये भी पढ़े- Mahima chaudhary ने खोला राज, Sanjay dutt से सीखी ये बात