मुंबई: क्वारंटीन फैसिलिटी से अस्पताल ले जाते वक्त महिला की मौत, परिजनों ने कहा हुई लापरवाही
नई दिल्ली- मुंबई के धारावी इलाके में रहने वाले एक शख्स ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि उसकी मां ने एक क्वारंटीन सेंटर में स्ट्रोक की वजह से दम तोड़ दिया। 25 साल के सोहराब फारूकी नाम के शख्स की 55 वर्षीय मां अंसारी बानो की अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में मौत हो गई। उन्हें कोविड-19 के संदिग्ध संक्रमितों के लिए मुंबई के राजीव गांधी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था। बता दें कि फारूकी के परिवार के 9 सदस्यों की पहचान हाई रिस्क कॉन्टैक्ट के तौर पर की गई थी और इसी वजह से उन्हें क्वारंटीन फैसिलिटी में रखा गया था।
धारावी से एक परिवार के 9 सदस्यों को किया था क्वारंटीन
सोहराब फारूकी के मुताबिक, '10 अप्रैल की आधी रात को पुलिस और बीएमसी अधिकारियों की एक टीम हमारे पड़ोसी को खोजते हुए हमारे इलाके में पहुंची थी। जबकि, वह पहले से ही सेवेन हिल्स अस्पताल में भर्ती था। इसके बाद अधिकारियों ने हमसे कहा कि क्वारंटीन फैसिलिटी में चलने के लिए तैयार हो जाएं, क्योंकि हमलोग हाई रिस्क कॉन्टैक्ट्स में थे। हमें सुबह के 4 बजे हमारे घर से शिफ्ट किया गया। ' इंडिया टूटे में छपी खबर के मुताबिक उसने कहा कि उसके पिता, मां, भाई, भाभी, उनके बच्चे, दो भतीजों और उसे क्वारंटीन फैसिलिटी ले जाया गया। फारूकी ने दावा किया है कि 'एक कमरे में 32 लोगों को रखा गया। वहां दो शौचालय थे, एक महिलाओं के लिए और एक पुरुषों के लिए। वो बहुत ही गंदे थे। मेरी मां को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की शिकायत थी। इसकी वजह से वह ठीक से चल भी नहीं पाती थी।' उसने आरोप लगाया है कि उसकी मां के लिए सेंटर में दवा और व्हीलचेयर का इंतजाम नहीं किया गया।
रिश्तेदार ने दी मौत की खबर
उसने आगे बताया है कि, 'हमें सुबह के 4 बजे वहां ले जाया गया और हमें उसके लिए पूरी दवा भी नहीं दी गई। हमें उसके लिए दवा लाने की इजाजत भी नहीं थी। बाद में बीएमसी के स्टाफ ने सोमवार 14 मार्च को उसके लिए दवा लाकर हमें दी।' उसने आगे कहा है कि 'उसी रात वह वॉशरूम गई जो कि उसकी हालत के मुताबिक चलकर जाने के लिए काफी दूर था और लौटते वक्त वह बेहोश होकर गिर पड़ी। अधिकारियों को एक टैक्सी का इतजाम करने में आधा घंटा लग गया।.......वे लोग उसे सायन अस्पताल लेकर गए, जहां उसे पहुंचते ही मृत घोषित कर दिया गया। ' फारूकी और उसके परिवार वालों को अंसारी बानो की मौत के बारे में एक रिश्तेदार से पता चला जो सायन अस्पताल पहुंचे थे।
क्वारंटीन सेंटर में जानवरों की तरह रखा-सोहराब
फारूकी और उसके परिवार के बाकी लोगों की जांच 15 अप्रैल को की गई और उसी दिन शाम में उन्हें घर भेज दिया गया। उसने आरोप लगाया है कि, 'हमें जानवरों की तरह रखा गया और हमारा क्या कहना है इसपर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। मेरी मां हमारे सामने मर गई और हमलोग कुछ भी करने की स्थिति में नहीं थे। उन्हें स्ट्रोक आया था, उन्हें पसीने आ रहे थे और मुंह से झाग निकल रहा था।' बता दें कि एशिया के सबसे बड़ी झुग्गी मुंबई की धारावी में पिछले एक अप्रैल से कोविड-19 के 17 मामले सामने आ चुके हैं और 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
सभी प्रोटोकॉल का पालन हुआ- बीएमसी
बीएमसी ने आरोपों पर कहा है कि उन्होंने निर्धारित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया है। जी-नॉर्थ वॉर्ड के एसिस्टेंट कमिश्नर किरन दिघावकर ने कहा है, 'प्रोटोकॉल के तहत हाई रिस्क कॉन्टैक्ट्स की वजह से उन्हें क्वारंटीन में रखा गया। बाद में उनमें से भी कुछ पॉजिटिव पाए गए। हमनें फैसिलिटी में पुख्ता इंतजाम किए हैं। इस मामले में उस महिला का एक डॉक्टर ने जांच किया था और दवा की सलाह दी थी। उस महिला को अस्पताल ले जाया जा रहा था और रास्ते में मौत हो गई। परिवार को अब घर भेज दिया गया है और क्वारंटीन रहने की सलाह दी गई है। '
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