क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बजट 2014: इन 5 कारणों से हम पर हावी रहेगी महंगाई

By Mayank
Google Oneindia News

price-rise-reason
नई दि‍ल्‍ली। एक ओर जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश को पेनिक ना होने की सलाह दी है वहीं मौजूदा हालात बयां करते हैं कि सरकार के आश्वासन कहीं ना कहीं नाकाफी साबित हो सकते हैं। सबसे बड़ी चुनौती है महंगाई को रोकना, लेकि‍न ताजा परि‍स्‍थि‍ति‍यों को देखते हुए महंगाई को थामना असंभव सा बन गया है। आइए जानें वो कौन सी समस्याएं हैं, जिनसे देश को निकलने में हो सकती मुश्क‍िल-

  • अप्रैल-मई 2014 के दौरान ही सरकार का वि‍त्‍तीय घाटा 2 लाख 40 हजार 837 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था जबकि‍ अंतरि‍म बजट में चि‍दंबरम ने पूरे वि‍त्‍त वर्ष के लि‍ए 5,28,631 करोड़ रुपए का बजट रखा था। दो माह में ही सरकार का 45 फीसदी पैसा खर्च हो गया था, जिसके बाद से गहरे आर्थ‍िक संकट के आसार नज़र आए।इसका मतलब है कि‍सरकार को बाजार में उधार लेना पड़ेगा, जो रि‍जर्व बैंक के लि‍ए मुसीबत बनेगा। उधार लेते ही बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ेगा और महंगाई में तेजी आएगी।
  • पावर प्‍लांट्स के पास कोयला नहीं है। देश की सबसे बड़ी कोयला उत्‍पादन करने वाली कंपनी कोल इंडि‍या अपने उत्पादन लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रही। इस साल कोयले की कमी को पूरा कर पाना मुमकि‍न नहीं लग रहा। कंपनी ने 3.45 करोड़ टन उत्पादन किया जो 3.65 करोड़ टन के लक्ष्य से कम है। वहीं, 2013-14 में 48.2 करोड़ टन के उत्पादन लक्ष्य से चूक गई थी। ऐसे में बि‍जली की दरें बढ़नी तय हैं। वैसे भी बि‍जली उत्‍पादन कम होने से सेकेंडरी मार्केट में बि‍जली के दाम दोगुने हो गए हैं। पावर एक्‍सचेजों में दाम पहले ही बढ़ा दि‍ए हैं। सूखा, कम बारिश और महंगाई
  • भारतीय मौसम वि‍भाग के मुताबि‍क, 43 फीसदी कम बारि‍श हुई है। इस वजह से फसलों की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। बारिश अच्छी न हुई तो अनाज के उत्पादन पर इसका प्रतिकूल असर होगा। भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान घटकर तकरीबन 13 फीसदी रह गया है, जबकि कृषि पर देश की कुल जनसंख्या का लगभग 60 फीसदी निर्भर है।
  • इराक गृहयुद्ध की आग में है। इस आग की आंच में दुनिया के कई देश झुलसने वाले हैं। जिससे भारत भी नहीं बचने वाला। इराक के बिगड़े हालात से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में भी इजाफा तय है। ऐसे में महंगाई और बढ़ेगी। पि‍छले एक हफ्ते में कच्‍चे तेल के दाम 5 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। कच्‍चे तेल की कीमत 115 डॉलर प्रति‍ बैरल पर पहुंच गई है।
  • रेलवे ने किराए में बढ़ोतरी बढ़ते घाटे को काबू करने के लिए की है, लेकिन रेल भाड़े में बढ़ोतरी से आम जनता पर महंगाई का बोझ और बढ़ जाएगा। ये नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं है। रेल भाड़े में बढ़ोतरी से जहां खाने पीने की वस्तुएं महंगी हो जाएंगी वहीं, पेट्रोल-डीजल ढोने के लिए किराया बढ़ने के कारण ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा देंगी।
Comments
English summary
Will Budget of Narendra Modi government able to control price rise
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X