जब अटल बिहारी वाजपेयी ने छुए थे तमिलनाडु की इस महिला के पैर
नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को निधन हो गया। अटल बिहारी वाजपेयी लगभग दो महीने तक दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर आते ही पूरा देश शोक में डूब गया। बीजेपी सहित तमाम दलों के नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, उनके निधन की खबर पाकर तमिलनाडु की चिन्ना पिल्लई भी रो पड़ीं और उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि उनको सम्मानित करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी अब नहीं रहे।
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अटल बिहारी वाजपेयी ने चिन्ना पिल्लई के पैर छुए थे
दरअसल, चिन्ना पिल्लई ही वो महिला थीं, जिनको सम्मानित करते वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनके पैर छुए थे। माता जीजाबाई स्त्री शक्ति पुरस्कार के लिए तमिलनाडु की चिन्ना पिल्लई का नाम घोषित किया गया और 4 जनवरी, 2001 को पुरस्कार लेने दिल्ली पहुंचीं चिन्ना पिल्लई जब तत्कालीन पीएम वाजपेयी के पैर छूने के लिए झुकीं तो अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें रोका और खुद ही झुककर उनके पैर छुए थे।
चिन्ना पिल्लई भावुक हो गईं
अटल बिहारी के निधन की खबर पर चिन्ना पिल्लई भावुक हो गई। वो बोलीं, 'कुछ लोगों ने मुझे बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का निधन हो गया। मुझे लगा जैसे मैंने अपने पिता को खो दिया क्योंकि वही वो शख्स थे जिनके कारण मैं दुनिया देख सकी।' जब से अटल बिहारी एम्स में भर्ती हुए थे, उसी वक्त से चिन्ना पिल्लई उनकी सेहत के लिए के लिए रोज प्रार्थना करती थीं। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सेहत ठीक होती तो वो पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करने दिल्ली जातीं।
अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों सम्मानित होने की खुशी
अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा सम्मानित किए जाने और उनके पैर छुने के वाकये को याद करते हुए चिन्ना पिल्लई कहती हैं, 'पुरस्कार प्राप्त करने के लिए पहली बार में मदुरई से बाहर जा रही थी, दिल्ली तक का मेरा फ्लाइट से सफर किसी रोमांच से कम नहीं था। जब उन्होंने मेरे पैर छुए थे, उस क्षण की तुलना किसी से नहीं की जा सकती है। पुरस्कार के लिए जब उन्होंने मेरा नाम पुकारा तब हड़बड़ा सी गई थी, बिल्कुल यकीन ही नहीं हो रहा था। हालांकि उसके बाद उन्होंने जो कुछ कहा था वो समक्ष नहीं पाई थी।
चिन्ना पिल्लई के लिए वो यादगार क्षण थे
वो कहती हैं, 'पास खड़े एक व्यक्ति ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी ने मेरे पैर इसलिए छुए कि उनको वो एक महिला के रूप में नहीं देखते, बल्कि जो कार्य किया है वो असाधारण है और वो मेरा सम्मान करते हैं।' वो कहती हैं कि ये सम्मान उनके लिए पहला पुरस्कार था और वो भी एक महान व्यक्ति के हाथों। इसके बाद तमिलनाडु के तत्कालीन सीएम करुणानिधि ने भी चिन्ना पिल्लई को सम्मानित किया था।'
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