पानी की कमी से जूझ रहा केपटाउन, भारत भी पीछे नहीं
केपटाउनः दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन शहर के लोग पानी की किल्लत से कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। पानी की कमी कितनी है आप इस बात का इंदाजा इसी ले लगा सकते हैं कि इंडियन क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को दिन में सिर्फ 2 मिनट स्नान करने की सलाह दी गई। ऐसा नहीं है कि केपटाउन ही पानी की कमी से झूझ रहा है। दुनिया के कई देश ऐसे हैं जो पानी की कमी का सामना कर रहे हैं।
पानी की कमी के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व में सौ करोड़ से अधिक लोगों के लिए पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं है, वहीं 70 करोड़ लोगों को साल में एक महीने पीने का पानी नहीं मिलता।
चार साल दुनिया के 500 बड़े शहरों पर की गई एक रिसर्च में सामने आया था कि साल 2030 तक दुनिया में पीने के पानी की मांग सप्लाई से 40 फ़ीसदी अधिक हो जाएगी। दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां पीने के पानी की कमी थी। पानी की कमी में भारत का बैंगलुरु शहर भी शामिल था।
बैंगलुरु के बारे में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि शहर की झीलों का 85 फीसदी पानी केवल सिंचाई के लिए या फैक्ट्री में इस्तेमाल करने लायक है, ये पानी पीने के लिए सही नहीं है। बैंगलुरु में कोई भी पानी की झील ऐसी नहीं है जिसे पीने या नहाने के लायक माना जाए।
वहीं अगर भारत के पड़ोसी मुल्क चीन के बात की जाए तो चीन की राजधानी में बीजिंग में पानी इतना प्रदूषित है कि ये खेती में इस्तेमाल करने लायक भी नहीं है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ़ कोलंबिया के एक शोध के अनुसार, एक अनुमान के मुताबिक 2000 से 2009 के बीच शहर में जल संसाधनों की क्षमता 13 फ़ीसदी तक कम हो गई।
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