विजय दिवस: गलवान झड़प के बाद भारत-चीन सेना के रिश्तों को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने दिया बड़ा बयान
विजय दिवस: गलवान झड़प के बाद भारत-चीन रिश्तों को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। विजय दिवस (Vijay Diwas) के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल, ईस्टर्न कमांड अनिल चौहान ने कहा है कि चीन और भारत की सेनाओं के बीच गलवान झड़प के बाद विश्वास में कमी आई है। जिसे फिर से बहाल होने में समय लगेगा। साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने ये भी बताया है कि गलवान की घटना के बाद लद्दाख में कोई बड़ी घुसपैठ नहीं हुई है।
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दोनों सेनाओं में बीच विश्वास में आई कमी
विजय दिवस के कार्यक्रम में बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कहा, मैं बताना चाहूंगा कि लद्दाख में चीन के साथ हुई झड़प के बाद से पूर्वी कमान क्षेत्र में कोई बड़ी घुसपैठ या टकराव नहीं हुआ है। गलवान घाटी में हुई घटना के बाद भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच एलएसी परआपसी विश्वास जरूर कम हुआ है। जिसे फिर से स्थापित होने में कुछ समय लगेगा।
1971 की जंग के 50 साल पूरे
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने पर इसे आज भारत में विजय दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। 1971 की जंग में पाकिस्तान की हार के बाद ही पूर्वी पाकिस्तान को एक नए देश, बांग्लादेश के रूप में पहचान मिली थी। भारत की इस जंग में जीत के लिए लिए हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है।
पीएम मोदी ने जलाई मशाल
विजय दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित वॉर मेमोरियल पहुंचकर 'स्वर्णिम विजय मशाल' प्रज्जवलित की और जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। विजय दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस विपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख उपस्थित थे। बता दें कि विजय दिवस के 50 साल पूरे होने के मौके पर केंद्र सरकार ने 'स्वर्णिम विजय वर्ष' के तहत पूरे एक साल का कार्यक्रम घोषित किया है। इस कार्यक्रम के तहत स्वर्णिम विजय मशाल देश के हर उस गांव, हर उस शहर में ले जाई जाएगी, जहां के जवानों को 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध में जीत के बाद महावीर चक्र और परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।