तमिलनाडु सरकार ने गांधी जयंती पर RSS की रैलियों के लिए नहीं दी अनुमति, संगठन ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
तमिलनाडु सरकार ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की रैलियों के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
चेन्नई, 29 सितंबर: तमिलनाडु सरकार ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की रैलियों के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है। मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कुछ प्रतिबंधों के साथ आरएसएस की रैलियों की अनुमति देने का निर्देश दिया था। लेकिन स्टालिन सरकार ने रैली करने की अनुमति नहीं दी।
तमिलनाडु सरकार ने अपने बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके चलते मुस्लिम संगठनों ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस पर पहले से ही काफी दबाव है। एक्सट्रा ड्यूटी लगाई जा रही है। पुलिस पर और भार डालना ठीक नहीं होगा। स्टालिन ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए आरएसएस या किसी संगठन को मार्च या बैठकें आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
आरएसएस के खिलाफ विरोध मार्च का आह्वान
इससे पहले विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और नाम थमीझार काची ने 2 अक्टूबर को भी आरएसएस के खिलाफ विरोध मार्च का आह्वान किया था। 17 मई के आंदोलन के आयोजक थिरुमुरुगन गांधी ने भी कहा था कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाईकोर्ट ने आरएसएस को अनुमति दी है।
कल मामले की सुनवाई होगी
आरएसएस पर दो बार प्रतिबंध लगाया गया था और वे हमारे राष्ट्रपिता की हत्या में शामिल थे। वे एक विभाजनकारी और फासीवादी आतंकवादी संगठन हैं। इस बीच, आरएसएस ने मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और दावा किया है कि राज्य सरकार का फैसला अदालत की अवमानना है। कल मामले की सुनवाई होगी।
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