रिपोर्ट में दावा- कर्नाटक के अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 36 लोगों की मौत, डिप्टी CM ने किया खंडन
बेंगलुरु, 21 जुलाई। कोरोना वायरस महामारी के चलते देश में अब तक 4 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच अमेरिका से सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत में कोविड के चलते 40 लाख मौतें हुई हैं जिनका सरकारी आंकड़ों में नाम दर्ज नहीं है। कोरोना से होने वाली मौतों की बहस में अब कर्नाटक का भी नाम जुड़ गया हैं, यहां की हाई कोर्ट द्वारा गठित समिति ने पाया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण चामराजनगर जिला अस्पताल में 36 मरीजों की मौत हो गई। हालांकि राज्य के उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है और कहा कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुईं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड और दवाई की कमी के चलते कई मरीजों ने इलाज ना मिल पाने की वजह से दम तोड़ दिया। देशभर में ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मच गया था, कई अस्पतालों में 'प्राणवायु' ना होने की वजह से मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसी क्रम में उच्च न्यायालय द्वारा गठित कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की राज्य स्तरीय निगरानी समिति की रिपोर्ट से पता चला है कि जिला अस्पताल द्वारा 4 मई से 10 मई के बीच घोषित 62 मौतों में से 36 लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते 2-3 मई की रात को हो गई थी।
हालांकि कर्नाटक के डिप्टी सीएम सीएन अश्वथ नारायण ने रिपोर्ट का खंडन करते हुए ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, यह मौतें ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई थीं, हादसे के कारणों का पता लगाए जाने के लिए इस बात की जांच की जा रही है कि मौत की वजह सच में ऑक्सीजन थी या फिर लापरवाही। उन्होंने आगे कहा, कर्नाटक में ऑक्सीजन की आवश्यकता के संबंध में हमारे पास कभी भी किसी भी प्रकार की कमी की शिकायत नहीं मिली। हालांकि कई संस्थानों में ऑक्सीजन के भंडारण के संबंध में बहुत सारी ढांचागत चुनौती थी लेकिन सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई थी।