लोकसभा चुनाव 2019: मंडला लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट पर इस वक्त भाजपा का कब्जा है और फग्गन सिंह कुलस्ते सांसद हैं , उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस नेता ओंकार सिंह मरकाम को 1,104,69 वोटों से पराजित किया था। सतपुड़ा पहाड़ियों के बीच स्थित मंडला जिला बांस, टीक और हरड़ वृक्षों के लिए काफी मशहूर है, यहां मुख्य रूप से गेहूं और तिलहन की उपज होती है, यहां के लोगों का मुख्य आय का श्रोत लाख उत्पादन, लकड़ी चीरना, पान उगाना, पशुपालन, चटाई और रस्सियों का निर्माण करना है, यहां की कुल जनसंख्या 27 लाख 58 हजार 336 है, जिनमें से 91 प्रतिशत आबादी गांवों में और 8 प्रतिशत लोग शहरों में निवास करते हैं, यहां के 60 प्रतिशत निवासी गौंड़ जनजाति के हें।
मंडला संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। यह लोकसभा क्षेत्र ढिंढोरी और मंडला जिले में पूर्ण रूप से और सिवनी, नरसिंहपुर के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है। संसदीय सीट के अंतर्गत विधानसभा के 8 क्षेत्र हैं। साल 1957 से लेकर साल 1971 तक यहां केवल कांग्रेस का ही कब्जा रहा है लेकिन 1977 के चुनाव में यहां पर भारतीय लोकदल जीती और इसके बाद 1980, 1984 और 1991 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का ही बोलबाला रहा लेकिन साल 1996 के चुनाव में यहां भाजपा की जीत के साथ एंट्री हुई और फग्गन सिंह कुलस्ते यहां से सांसद बने, वो साल 1998, 1999 और 2004 के चुनावों में लगातार इस सीट से सांसद चुने गए लेकिन साल 2009 के चुनाव में यहां कांग्रेस की वापसी हुई और बसोरी सिंह मरकाम यहां के सांसद निर्वाचित हुए लेकिन साल 2014 के चुनाव में एक बार फिर से यहां कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा और फग्गन सिंह कुलस्ते फिर से सांसद की कुर्सी पर विराजमान हो गए।
आपको बता दें कि फग्गन सिंह कुलस्ते को अटल बिहारी बाजपेयी सरकार में पहली बार केंद्रीय मंत्री बनाया गया था और वो मोदी मंत्रिमंडल में भी शामिल रहे हैं, बीजेपी के कद्दावर नेता होने के साथ साथ फग्गन सिंह कुलस्ते को आदिवासियों के राष्ट्रीय नेता के तौर पर पूरे देश में जाना जाता है, दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान फग्गन सिंह कुलस्ते की लोकसभा में उपस्थिति 85 प्रतिशत रही है तो वहीं इस दौरान इन्होंने 17 डिबेट में हिस्सा लिया है और 109 प्रश्न पूछे हैं।
साल
2014
के
चुनाव
में
इस
सीट
पर
नंबर
2
पर
कांग्रेस,
नंबर
3
पर
GGP
और
नंबर
4
पर
बसपा
थी,
उस
साल
यहां
पर
कुल
वोटरों
की
संख्या
18
लाख
24
हजार
424
थी,
जिनमें
से
मात्र
12
लाख
18
हजार
518
लोगों
ने
अपने
मतों
का
प्रयोग
यहां
पर
किया
था,
जिनमें
से
पुरुषों
की
संख्या
6
लाख
41
हजार
915
और
महिलाओं
की
संख्या
5
लाख
76
हजार
603
थी।