फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध करने वाले कांग्रेस विधायक मसूद समेत 2000 पर केस
भोपाल। फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों के बयान को लेकर दुनिया भर में मुस्लिमों का आक्रोश बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में भी कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए और फ्रांस के राष्ट्रपति का कड़ा विरोध किया। इस दौरान कोरोना गाइड लाइन के उल्लंघन पर विधायक मसूद समेत करीब 2000 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
भोपाल सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि, मैंने अधिकारियों से एक सभा के लिए अनुमति मांगी थी। लेकिन प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद हमने व्हाट्सऐप के मध्यम से संदेश भेजे। जिसके बाद हजारों लोग ने इकट्ठा होकर एकजुटता दिखाई। भले ही एक बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई, लेकिन यह पूरी तरह से शांतप्रिय विरोध प्रदर्शन था। पुलिस की सख्ती के कारण किसी को भी मैदान में जमा नहीं होने दिया गया और जो लोग पहुंचे उन्हें खदेड़ दिया गया।
बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी के कारण लोग धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गए थे। कलेक्टर ने उनके दूसरे दिन की अनुमति भी निरस्त कर दी है। भोपाल की थाना तलैया पुलिस ने कांग्रेस विधायक मसूद समेत करीब दो हजार लोगों के खिलाफ धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया है। प्रदर्शन को लेकर राज्य सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। भोपाल के डीआईजी इरशाद वली ने बताया, "इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले 2,000 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसके लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी।
इस बीच, मसूद ने कहा कि वह अदालत में उनके खिलाफ हुई एफआईआर को चुनौती देगा। इस दौरान कांग्रेस विधायक मसूद ने मांग की कि केंद्र सरकार फ्रांस में भारतीय राजदूत को वहां के शासन के 'मुस्लिम विरोधी' रुख के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए कहे। मसूद ने मैक्रों पर पैगंबर मोहम्मद के आक्रामक कार्टूनों का समर्थन करने और जानबूझकर मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया।
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