Bihar: अब नहीं चल पाएगा बिहार में लालू का 'बस'
छपरा। लालू प्रसाद यादव का एक दौर में नाम ही काफी था पर आज उनका नाम काम नहीं आ रहा है। आज उनके द्वारा सांसद निधि से खरीदी गयी बसों को कोई लेने को तैयार नहीं हो रहा है। जिसके चलते योजना विभाग शेष बचे 22 बसों को वापस करने की तैयारी में है।
लालू प्रसाद ने एक वर्ष पूर्व अपने सांसद निधि से 70 बसें खरीदने की अनुशंसा की थी। बस खरीदने से पहले लालू प्रसाद ने समाहरणालय के सभागार में सारण लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले प्लस टू तथा कालेजों के प्राचार्यो के साथ बैठक की थी। जिसमें अधिकांश प्राचार्यो ने बस लेने के लिए अपने विद्यालय का नाम दर्ज करा दिया। जिसका नाम छूट गया था वे पैरवी कराकर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराए।
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प्राचार्यो की रूचि देख लालू प्रसाद ने सांसद निधि से70 बसें खरीदने की अनुशंसा कर दी। करीब 12 करोड़ की लागत से बसें भी खरीद ली गयी। उसके बाद तीन दर्जन से अधिक प्राचार्य बस लेने से इनकार करने लगे। किसी प्रकार 42 बसों का वितरण किया गया। उसके बाद प्रशासन ने निविदा निकालकर पुन: बसों को लेने का आग्रह किया। उसके बाद पांच विद्यालय बस लेने के लिए तैयार हुए, लेकिन अब 22 बसों को लेने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा है।
जिसके वजह से जिला योजना विभाग काफी परेशान है। सूत्रों के अनुसार जो बसें बच गयी है उसे वापस करने की तैयारी की जा रही है। उधर, केन्द्र सरकार ने 15 वीं लोकसभा की बची हुई राशि को वापस करने का आदेश दिया है। इसको लेकर जिला योजना विभाग बस को कंपनी के पास वापस करने के लिए सरकार के पास पत्र भेजा है। वहां से निर्देश मिलने के बाद ही बस वापस किया जाएगा। हालांकि लालू, नीतीश से बेहतर हालत में हैं, जिनके अपने ही साथी विरोध में जुट गए हैं।