जानिए,वैक्सीन के लिए किसको करना पड़ सकता है लंबा इंतजार, इन्हें पहले लगेगा कोरोना का टीका
नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन की आहट सुनाई पड़ने लगी है और भारत सरकार ने करीब 160 करोड़ वैक्सीन खुराक बुक भी करवा ली है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि वैक्सीन की खुराक देने की प्राथमिकता क्या होगी। दरअसल, सरकार ने वैक्सीन की खुराक देने की एक वरीयता क्रम तैयार की है और इनमें सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर होंगे, दूसरे नंबर वैक्सीनेशन सेना, पुलिस, फायर ब्रिगेड और नगर निगम कर्मचारी होंगे, तीसरे नंबर पर 50 साल पार कर चुके लोग होंगे और चौथे नंबर 50 से कम उम्र के उन लोगों का टीकाकरण होगा, जो गंभीर बीमारी से ग्रसित होंगे।
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इन चारों कैटेगरी में आप फिट नहीं बैठते हैं, तो इंतजार करना होगा?
तो इन चारों श्रेणियों में अगर आप हैं तो कोरोना वैक्सीन का इंतजार में थोड़ी लापरवाही में जी सकते हैं, लेकिन अगर इन चारों कैटेगरी में आप फिट नहीं बैठते हैं, तो कृपया कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गाइडलाइन पर लौट जाइए, क्योंकि हम भले ही थक चुके हैं, लेकिन कोरोना वायरस अभी थका है, जिसने अकेले भारत में तकरीबन 1 करोड़ लोगों को चपेट में ले चुका है, जबकि 1 लाख 40 हजार से अधिक लोगों की जान ले चुका है। पूरी दुनिया में यह आंकड़ा और भी भय़ावह है, जहां 15 लाख से अधिक जान जा चुकी है और साढ़े 6 करोड़ लोग इसकी जद में आ चुके हैं।
दुनिया की 69-70 आबादी की टीकाकरण में लग सकता है लंबा समय
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार दुनिया की 69-70 आबादी को कोरोनावायरस के खिलाफ टीकाकरण प्राप्त करने के लिए दो साल का समय लग सकता है। यानी सभी देशों की जनसंख्या को वर्ष 2022 के अंत से पहले वैक्सीन मिलने की संभावना नहीं है। रूसी वैज्ञानिकों द्वारा विकसित और लगभग 91.4 फीसदी असरकारक स्पुतनिक वी की प्रति खुराक वैक्सीन भारतीय रुपयों में 750 रुपए बताई गई है जिसकी दो खुराक एक व्यक्ति को लेनी होगी, लेकिन वैक्सीन अभी उन्हीं लोगों तक सीमित रहेगी, जिनकी कैटेगरी सरकार ने वरीयता क्रम से तैयार की है।
कोरोना टीकाकरण के लिए सरकार ने चार प्रमुख समूह बनाए हैं
गौरतलब है सरकार ने कोरोना टीकाकरण के लिए पहले चरण के चार प्रमुख समूह बनाए हैं, जिन्हें वरीयता आधार पर टीकाकरण का लाभ मिलेगा और शेष स्वस्थ लोगों का नंबर टीकाकरण के लिए कब आएगा, इस पर अभी तक कोई जवाब नहीं मिल सका है। इसका सीधा मतलब है कि सरकार द्वारा तैयार समूह में इतर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए गाइडलाइन्स का पालन करके खुद को सुरक्षित रखना होगा।
सबसे पहले टीकाकरण संक्रमितों का इलाज करने वाले डाक्टरों का होगा
टीकाकरण की वरीयता क्रम में सरकार से सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर्स को रखा है, जो महामारी की शुरूआत से कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं। इनमें चिकित्सक,नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, हेल्थकेयर सपोर्ट स्टाफ शामिल हैं। सरकार का मानना है कि ये सभी लोगो कोरोना महामारी मरीजों के सबसे ज्यादा संपर्क में आते हैं, इसलिए उन्हें महामारी से अधिक खतरा है। इस वजह से सबसे पहले टीकाकरण की वरीयता में उन्हें सबसे ऊपर रखा गया है।
सेना, पुलिस, फायर ब्रिगेड और नगर निगम कर्मचारी का होगा वैक्सीनेशन
सरकार ने महामारी की विभीषिका में दूसरे की रक्षा और सुरक्षा में दिन-रात खड़े भारतीय सेना के जवान, पुलिस के जवान, फायर बिग्रेड के जवान और नगर निगम के कर्मचारियों को टीकाकरण की वरीयता क्रम में दूसरे नंबर रखा गया है। निः संदेह कार्यालय, सड़क और प्रतिष्ठानों में लोगों का सामना करने वालों को वैक्सीनेशन की प्राथमिकता सूची में होना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि वो जिंदगी दांव पर रखकर अपना काम ईमानदारी से करते आए हैं।
इस क्रम में सलमान, शाहरूख व आमिर खान भी करवा सकेंगे टीकाकरण
सरकार ने टीकाकरण की वरीयता क्रम में 50 वर्ष से अधिक उम्र को लोगों को तीसरे नंबर रखा है। माना जाता है कि कोरोना महामारी का संक्रमण का असर 50 की उम्र पार कर चुके लोगों पर अधिक पड़ता है, इसलिए सरकार ने उन्हें तीसरे नंबर टीकाकरण के लिए चुना है। दिलचस्प बात यह है कि इस सूची में बॉलीवुड के तीनों सुपर स्टार आते हैं, जो 55 साल से अधिक हो चुके हैं। जी हां, सलमान खान, शाहरूख खान और आमिर खान।
चौथे चरण में 50 से कम उम्र के लोगों को मिलेगी टीके की खुराक
सरकार ने चौथी वरीयता में टीकाकरण के लिए 50 साल से कम उम्र को टीकाकरण के लिए चुना है। ऐसे लोग, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे होंगे। हालांकि इस वरीयता क्रम वाले लोगों के टीकाकरण के लिए बीमारियों के हिसाब से कैटेगरी बनाई जा सकती है। मसलन किडनी की हल्की बीमारी और हल्के ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को अंत में टीकाकरण के लिए चुना जा सकता है, जबकि हाई ब्लड प्रेशर मरीज को पहले मौका दिया जाएगा।
कोरोना से बचाव के लिए वैकल्पिक साधनों पर फोकस करना जरूरी है
ऐसे में यह सवाल गंभीर हो जाता है कि जब तक वैक्सीन सबके लिए उपलब्ध नहीं है, तब कोरोना के विरूद्ध लड़ाई और उससे बचाव के लिए गाइडलाइन को फॉलो करें और सुरक्षा के वैकल्पिक साधनों पर फोकस करें। एक नए अध्ययन के हवाले से पता चला है कि विटामिन डी कोरोना से सुरक्षा में काफी मददगार साबित हो सकता है और विटामिन डी की कमी के चलते भी कोरोना का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन डी एक हार्मोन है, जिसकी उत्पत्ति हमारी त्वचा सूर्य की रोशनी के संपर्क में आने पर करती है, जो हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है।
विटामिन डी, विटामिन सी और जिंक सेवन भी है बेहतर सप्लीमेंट
राजधानी दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्टिल से रिकवर हुए एक मरीज की जुबानी की मानें तो उनके स्वस्थ होने में कोरोना की मुख्य दवा के साथ दी गईं जिंक, विटामिन सी और विटामिन डी की गोलियों ने उनके जल्द स्वस्थ होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाईं। दरअसल, जिंक, विटामिन सी और विटामिन डी दवाइयों का सप्लीमेंट कोरोना वायरस से सुरक्षा में बेहद मददगार हैं। इन तीनों का उपयोग कोरोना संक्रमित ही नहीं, बल्कि संक्रमण से सुरक्षा के लिए भी उतने ही कारगर है, क्योंकि तीनों की कमी शरीर में प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर बनाती है।
मास्क लगाकर रखें, संक्रमण के खिलाफ बेहतर काम करते हैं मास्क
वैज्ञानिकों के मुताबिक मास्क संक्रमण के खिलाफ सबसे अच्छे बचाव के रूप में काम करते हैं। वैक्सीन लेने की तुलना में फेस मास्क कोविद -19 से बचने की अधिक गारंटी देता है। वैक्सीन लेने के बाद टीके कितने प्रभावी होंगे, इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता है। वैसे भी वैज्ञानिक कह चुके हैं कि पहला वैक्सीन ज्यादा प्रभावी नहीं होगा।