दिल्ली हिंसा: मुस्लिम पड़ोसियों ने की हिंदू परिवारों की रक्षा, नेमप्लेट बदली और बाहरी लोगों को आने से रोका
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में बीते दिनों काफी हिंसा देखने को मिली। मरने वालों की संख्या 32 हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हैं। दो समुदायों के बीच शुरू हुआ ये विवाद कब सांप्रदायिक बन गया, किसी को पता ही नहीं चला। इस दौरान तोड़फोड़ और आगजनी की बहुत सी घटनाएं सामने आईं। लोगों के वाहनों, दुकानों और घरों को दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया। इस बीच एकता और भाईचारे की मिसाल कायम करती कुछ कहानियां भी सामने आई हैं।

टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जहां एक ओर दिल्ली के बाकी इलाकों में हिंसा दिख रही थी, वहीं शिव विहार में स्थित इंदिरा विहार में लोगों ने एक दूसरे की मदद की। इस इलाके में 3200 घर हैं, जिनमें से करीब 8 घरों में हिंदू परिवार रहते हैं। इस दौरान हिंदुओं और मंदिर की सुरक्षा के लिए इलाके के सभी मुस्लिम लोग आगे आए। यहां रहने वाले वसीम ने कहा, 'चाहे दिवाली हो या अंतिम संस्कार, हम हमेशा एक दूसरे के साथ होते हैं।'
इंदिरा विहार में बुधवार को तीन मुस्लिम युवकों ने एक मंदिर की रक्षा की। यहां रहने वालों का कहना है, 'हम हमेशा एकसाथ शांति से रहते हैं। पूजा करने की एक जगह को नुकसान पहुंचाया गया है।' यहीं पास में स्थित एक घर के नीले रंग के दरवाजे के बाहर कागज पर लिखा है, 'परवेज अंसारी'। दीवार को कपड़े से ढंका गया है। जिसपर हिंदू देवी देवताओं के चित्र हैं। ये वैसे तो अचार का काम करने वाले हिंदू शख्स का घर है, लेकिन घर के बाहर किसी और नाम का नेमप्लेट लगाने से यहां रहने वाले परिवार की जान बच गई।
इलाके में रहने वाले नंदलाल का कहना है, 'यहां रहने वाले लोगों के कारण हम सुरक्षित हैं। किसी ने भी बाहरी शख्स को अंदर नहीं आने दिया, अगर कोई आ भी रहा था तो वो (मुस्लिम पड़ोसी) यहां आने से उन्हें रोक रहे थे। हम अधिकतर लोगों का नाम तो नहीं जानते लेकिन चेहरा देखकर पहचान सकते हैं।' यहां के तस्लीम अंसारी कहते हैं, 'शिव विहार में बाहर से आए लोगों ने आग लगाई, यहां के लोगों ने नहीं।' उन्होंने कहा कि यहां सब लोग एक दूसरे के घर जाते हैं और एक दूसरे को अच्छे से जानते भी हैं।
यहां के हिंदू शख्स तारा देव कहते हैं, 'हम तीन दशक से यहां रह रहे हैं, पड़ोसियों के साथ हमें कभी कोई परेशानी नहीं हुई। ये हमारे भाई और बहन हैं। आज इनमें से अधिकतर ने हमारे घरों की रक्षा की और हम जानते हैं कि हम सुरक्षित हैं।' चांदबाग के रहने वाले प्रवीण कुमार ने अपने मुस्लिम पड़ोसियों की तारीफ करते हुए कहा, 'वो खतरनाक स्थिति में भी अपने घरों से बाहर निकले और हमारे मंदिर की रक्षा की।'
अब सामान्य हैं हालात
हालांकि दिल्ली में हालात अब सामान्य हैं। यहां हिंसा प्रभावित इलाकों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हिंसा के दौरान 24 घंटे के भीतर गृहमंत्री अमित शाह ने तीन बार बैठक की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर भी बैठक की और अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक में भी शामिल हुए। सभी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
दिल्ली के हिंसा प्रभावित उस इलाके की कहानी, जहां मुसलमानों के घर जलने के बाद हिंदुओं ने दी शरण