मेड इन इंडिया को बड़ी कामयाबी, IRNSS को वर्ल्ड वाइड रेडियो नेविगेशन सिस्टम की मान्यता
नई दिल्ली: इसरो ने भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) लॉन्च किया था, जिसे अब एक बड़ी कामयाबी मिली है। इस IRNSS को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) ने हिंद महासागर क्षेत्र में संचालन के लिए वर्ल्ड वाइड रेडियो नेविगेशन सिस्टम (WWRNS) के एक घटक के रूप में स्वीकार कर लिया है। इसके जरिए व्यापारी जहाज GPS और GLONASS के समान स्थिति जानकारी प्राप्त करने में सक्षम हो जाएंगे, ताकी 50° N अक्षांश, 55° E देशांतर, 5° S अक्षांश, और 110° के अंदर समुद्री जहाजों को नेविगेशन में मदद मिल सके। इसकी रेंज भारतीय सीमा से 1500 किलोमीटर तक की होगी।
जानकारी के मुताबिक आईएमओ की मैरीटाइम सेफ्टी कमेटी (एमएससी) ने 4-11 नवंबर को अपना 102 सेशन बुलाया था। इस दौरान लंबी चर्चा के बाद IRNSS को वर्ल्ड वाइड रेडियो नेविगेशन सिस्टम के रूप में मान्यता दे दी गई। इसे पोर्ट ऑफ मिनिस्ट्री, शिपिंग एंड वॉटरवेज (MoPSW), डायरेक्टरेट जनरल ऑफ शिपिंग (DGS) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
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बयान के मुताबिक मर्चेंट शिप ने इसको लेकर जो टेस्ट किया था। इस पर इसरो ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की और उसे IMO को दिया। जिसके बाद IRNSS को मान्यता दे दी गई और 11 नवंबर को इससे संबंधित परिपत्र भी जारी हो गया। ये जहाजों के नेविगेशन के लिए सटीक सूचना प्रदान करता है। IRNSS पूरी तरह से भारत में विकसित है, ऐसे में इसे मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।