कोरोना के खिलाफ कितने दिन असरदार रहेगी वैक्सीन ? वायरोलॉजिस्ट ने बताई पूरी बात
बेंगलुरु, 30 मई: देश के जाने-माने वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर वी रवि ने मौजूदा कोविड-19 वैक्सीन के प्रभाव को लेकर बहुत बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि वैसे तो यह दो से तीन साल भी काम कर सकती है, लेकिन कम से कम 1 साल तक तो यह असरदार जरूर रहेगी। गौरतलब है कि देश में कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर सरकारों और लोगों को आगाह करने वालों में डॉक्टर रवि काफी आगे रहे हैं और उन्होंने ही इसको लेकर बच्चों से जुड़ी सभी तरह की तैयारियों के लिए भी आवाज उठाई है। अब उन्होंने गर्भधारण करने वाली माताओं से भी कहा है कि इसकी प्लानिंग कर रही हैं तो बेहतर होगा कि पहले कोविड वैक्सीन की अपनी डोज लगवा लें।
कम से कम 1 साल तक जरूर काम करेगी वैक्सीन
वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर वी रवी ने कहा है कि अभी तक जो सबूत मौजूद हैं, उसके अनुसार वैक्सीन कम से कम एक साल तक तो जरूर काम करेंगी; और इसके ज्यादा वेरिएंट नहीं आए तो यह दो साल या उससे भी अधिक समय तक असरदार रह सकती हैं। डॉक्टर रवि कर्नाटक की कोविड टास्क फोर्स कमिटी के सदस्य हैं। उन्होंने कोविड-'थर्ड वेव, वैक्सीनेशन एंड प्रोटेक्शन' विषय पर आयोजित एक वेबिनार में शनिवार को बताया कि, 'अगर एक साल बाद कोई चिंताजनक वेरिएंट नहीं आए तो वैक्सीनेटेड इंसान को दो से तीन साल तक सुरक्षा मिल सकती है।' उन्होंने ये भी कहा है कि वैक्सीन का असर कितने दिन तक रहेगा, इसका सही समय तय करने के लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है।
तीसरी लहर के लिए रहें सावधान!
डॉक्टर रवि देश और दुनिया के उन वायरोलॉजिस्ट में शामिल हैं, जो पहले से भारत में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर सबको आगाह कर रहे हैं। उन्होंने फिर कहा है पिछली हर महामारी की कई लहरें आई हैं, इसलिए तीसरी लहर आनी तय है और इसे संभालने के लिए तैयारी निश्चित तौर पर पहले से करके रखनी होगी। वो बोले, 'पिछले साल बहुत लोग यह मानने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे, कह रहे थे कि भारतीयों की इम्यूनिटी के चलते देश में दूसरी लहर नहीं आएगी। अब हमें सावधान और तैयार रहने की जरूरत है। यूरोपीय देश तीसरी लहर झेल रहे हैं और अमेरिका को शुरुआती चौथी लहर का सामना करना पड़ रहा है।'
तीन से चार महीनों के भीतर आती हैं महामारी की लहरें
उन्होंने बताया कि संक्रमण की लहर सामान्य तौर पर तीन से चार महीनों के बीच आती है; और अगले 6 महीनों में जिनको टीका नहीं लग पाएगा, वे कोविड के प्रति बेहद संवेदनशील रहेंगे। उन्होंने अपनी बात फिर दोहराई है कि बच्चे खासकर अगली लहर की चपेट में आने वालों में शामिल रहेंगे। उन्होंने देश में पीडियाट्रिक आईसीयू की कमी को लेकर सावधान किया है कि 'देश में 30 करोड़ बच्चे हैं, यदि 1 फीसदी भी बीमार पड़ गए तो उनके इलाज के लिए हमारे पास जरूरी सुविधाएं नहीं हैं।' उनका कहना है कि दूसरी लहर के पैटर्न को देखकर लगता है कि यह अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग वक्त में उफान पर आते हैं। जैसे कि दूसरी लहर ने पहले महाराष्ट्र और केरल में दस्तक दिया, फिर दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक इसकी चपेट में आ गए। 'अब तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में मामले बढ़ रहे हैं। अलग-अलग राज्यों में अलग समय पर तेजी आती है। यहां तक प्रदेश के अंदर भी जिलों में अलग-अलग समय पर केस बढ़ने लगते हैं।'
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'पहले वैक्सीन लगवाएं फिर गर्भधारण की तैयारी करें'
उन्होंने तीसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। मसलन, किसी भी तरह की भारी भीड़ की स्थिति पैदा नहीं होनी देनी चाहिए। चाहे वह धार्मिक हो या फिर चुनावी या राजनीतिक। उन्होंने कोविड पॉजिटिविटी रेट के सात दिनों के औसत पर भी लगातार निगरानी रखने की जरूरत पर जोर दिया है और कहा है कि जब भी लगे कि मामले बढ़ रहे हैं, पाबंदियां फौरन शुरू कर दी जानी चाहिए। उन्होंने गर्भधारण होने की योजना बना रहे दंपतियों को भी सलाह दी है कि माता पहले वैक्सीन लगवा लें, तभी इसकी प्लानिंग करें।