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Hockey World Cup 2023: कैसे टूर्नामेंट ने ओडिशा की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डाला है

आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो यह टूर्नामेंट संवृद्धि में सहायक और सतत विकास का वाहक साबित हुआ है। ओडिशा को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने के साथ ही यह टूर्नामेंट भारत में हॉकी की लोकप्रियता बढ़ाने में लगातार मदद कर रहा।

By मनोज मिश्रा
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ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व कप 2023 का दूसरी बार मेजबानी करना ओडिशा में हम सबको प्रतिष्ठा और गर्व का अनुभव कराता है। लंबे समय तक ओडिशा एक पिछड़े राज्य के रूप में जाना जाता था, लेकिन पिछले दो दशकों से सभी क्षेत्रों में यहां तेजी से बदलाव देखा गया है। हाल ही में संपन्न हुए 'मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव' के तीसरे एडिशन में 10.5 ट्रिलियन रुपए के निवेश का प्रस्ताव आया है, जिसने पिछली रकम को भारी अंतर से पीछे छोड़ दिया है। यह बहुत कुछ कहता है।

हमारी औद्योगिक क्षमता के अलावा, यह खेल है, जिसने हमें वैश्विक मानचचित्र पर ला खड़ा किया है। महत्वपूर्ण खेल कार्यक्रमों का आयोजन करने से एक राज्य को बड़े पैमाने पर अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होता है। ओडिशा पहले एशियन ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप और फीफा यू-17 महिला वर्ल्ड कप जैसे भव्य खेल कार्यक्रमों की मेजबानी कर चुका है।

जैसे ही ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व कप अपने अंतिम सप्ताह में प्रवेश कर रहा है, भुवनेश्वर और राउरकेला को पूरे विश्व से समर्थन मिल रहा है। इसकी वजह से यहां की अर्थव्यस्था को नई ताकत मिली है। आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो यह टूर्नामेंट संवृद्धि में सहायक और सतत विकास का वाहक साबित हुआ है। ओडिशा को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने के साथ ही यह टूर्नामेंट भारत में हॉकी की लोकप्रियता बढ़ाने में लगातार मदद कर रहा है।

इस मेगा स्पोर्टिंग इवेंट से जिन मुख्य व्यवसायों को फायदा पहुंचा है, उनमें खाद्य और पेय (F&B),रियल एस्टेट, पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी (आतिथ्य) शामिल हैं। स्थानीय स्तर पर हॉस्पिटैलिटी के विकास का यह अर्थ है कि उपलब्ध होटलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और इस बाजार में प्रवेश करने वाले ब्रांडों की रेंज भी बढ़ी है। इसकी वजह से आकर्षक अकोमोडेशन के प्रकार और बजट के साथ व्यापक विकल्प वाले डेस्टिनेशन के निर्माण का ठोस आधार तैयार हुआ है।

ओडिशा ने चल रहे ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व कप देखने जाने वाले यात्रियों के लिए भुवनेश्वर और राउरकेला के बीच शटल फ्लाइट पहले ही शुरू कर दी हैं और यह रूट काफी व्यस्त चल रहा है। ऐसी उम्मीद है कि इस क्षेत्र के विकास में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और पर्यटन को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के उद्देश्यों के साथ ही यह एक स्थायी आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति करेगा।

फ्लाइट सप्ताह में सातों दिन है और एक महत्वपूर्ण लिंक की तरह कार्य कर रहा है। यह कनेक्टिविटी, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाएं पूर्ण होंगी। पहले भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम और राउरकेला के बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम के बीच की यात्रा में 9 घंटे लगते थे। अब हवाई मार्ग से यह घटकर सिर्फ एक घंटे और 10 मिनट रह जाएगा। हॉकी विश्व कप को देखते हुए ईस्ट कोस्ट रेलवे भी भुवनेश्वर और राउरकेला के बीच दो नई स्पेशल ट्रेनें चला रहा है।

सरकार ने राउरकेला में नया अत्याधुनिक बिरसा मुंडा स्टेडियम का निर्माण किया है, जिसे हॉकी प्रशंसकों के लिए सबसे ज्यादा सीटिंग कैपिसिटी का गौरव प्राप्त है, भुवनेश्वर में स्टेडियम का नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण किया गया है। हवाई अड्डे, होटलों, और शहर के अन्य बुनियादी ढांचे, जैसे कि सड़कों के महत्वपूर्ण हिस्सों को और भी बेहतर किया गया है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था में खासकर इस्पात, लोहा और सीमेंट के क्षेत्र में बाजार में आई उछाल का कारोबारी लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि राउरकेला को 'स्टील सिटी' के रूप में जाना जाता है। लगातार दो बार विश्व कप की मेजबानी मिलने से ओडिशा को जो नई ताकत मिली है, वह इन्हीं प्रयासों का फल है।

इंफ्रास्ट्रक्चर में जो महत्वपूर्ण निवेश हुए हैं,दर्शकों की रवानगी के बाद उनका इस्तेमाल अन्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैचों के लिए किया जाएगा और राउरकेला भारत के 'हॉकी कैपिटल' के रूप में उभरेगा।

टूर्नामेंट को अपने विकास योजनाओं में शामिल करके ओडिशा ने विश्व कप को आर्थिक परिवर्तन और आधुनिकीकरण के अवसर के साथ ही वैश्विक स्तर पर अपनी संस्कृति और आतिथ्य को प्रदर्शित करने के लिए एक माध्यम के रूप में चुना है। भारत में खेल पर्यटन के क्षेत्र में ओडिशा निस्संदेह पथप्रदर्शक की भूमिका निभा रहा है। यहां के पर्यटन स्थल बहुत ही सुलभ हैं और ओडिशा ने बड़े पैमाने पर खेल कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन करके अपनी मजबूती साबित की है।

हॉकी प्रशंसकों और पर्यटकों के लिए ओडिशा डॉट फेस्ट की भी मेजबानी कर रहा है। इसमें फ्ली मार्केट/रात्रि बाजार, फोटो प्रदर्शनी- 'Sebbe o Ebbe'- जिसके माध्यम से 1860 के दशक के आखिर से 2023 तक भुवनेश्वर की तस्वीरों का प्रदर्शन, विश्व कप में भाग लेने वाले 16 देशों के व्यंजनों का एक इंटरनेशनल फूड फेस्टिवल,राजधानी के आसपास की यात्रा और Bhu-festo या कहानी सुनाने वाला उत्सव भी शामिल है।

सिर्फ ओडिशा नहीं, बल्कि देश और हॉकी के खेल को भी फायदा हो रहा है। आज लोग हॉकी का मैच देखने और जीत पर जश्न मनाने के लिए कतारों में लगे हैं। ओडिशा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि यह विश्व कप वास्तव में परिवर्तनकारी सामाजिक, मानवीय और आर्थिक विरासत छोड़ जाए; और इसे न सिर्फ ओडिशा, बल्कि भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में याद किया जाए।

(लेखक मनोज मिश्रा- सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी और साइंस एंड टेक्नोलॉजी हैं। ये ओडिशा के मुख्यमंत्री के ओएसडी हैं। इनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है)

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English summary
This tournament has brought the economy of Odisha on the path of grooming for the future as well. The development of infrastructure is also having a positive impact on tourism
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