India-China Talks : रक्षा मंत्रालय ने कहा- पश्चिमी क्षेत्र में स्थिरता पर दोनों देश सहमत
भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की वार्ता पर रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्ष पश्चिमी क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हैं।
नई दिल्ली, 18 जुलाई : रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि 16वें दौर की भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक 17 जुलाई को भारत की ओर चुशुल-मोल्दो सीमा पर हुई। मंत्रालय के बयान के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से सटे मुद्दों के समाधान के लिए रचनात्मक और दूरदर्शी तरीके से चर्चा हुई।
स्थिरता बनाए रखने पर सहमति
इससे पहले आई रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन कै सैन्य अधिकारियों के बीच 12 घंटे से भी अधिक समय तक चर्चा हुई। रक्षा मंत्रालय ने वार्ता के संबंध में बताया, दोनों पक्षों ने फिर से इस बात पुष्टि की है कि गतिरोध वाले बाकी मुद्दों के समाधान से पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शांति बहाल करने में मदद मिलेगी। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि गतिरोध सुलझाने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति हो सकेगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन पश्चिमी क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हैं।
लंबित मुद्दों के समाधान पर काम
रक्षा मंत्रालय ने कहा, भारत और चीन के सैन्य अधिकारी नजदीकी संपर्क में बने रहने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। दोनों पक्ष लंबित मुद्दों के समाधान पर जल्द से जल्द काम करने पर भी सहमत हुए हैं। समाधान पारस्परिक होगा और दोनों पक्षों को स्वीकार्य भी होगा।
क्यों है तनाव
बता दें कि मई, 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों की आक्रामकता के कारण भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए, जबकि जवाबी कार्रवाई और आत्मरक्षा के दौरान चीन के 40 से अधिक सैनिक ढेर हो गए। हालांकि, चीन ने आज तक सैनिकों की मौत पर आधिकारिक आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया है। गलवान की हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीत कई दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है, लेकिन गतिरोध सुलझाने की दिशा में कोई ठोस नतीजा नहीं मिला।
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