दिल्ली में नर्सों को लेकर विवादित सर्कुलर पर मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने मांगी माफी
नई दिल्ली, 09 जून। दिल्ली सरकार द्वारा संचालित जीबी पंत अस्पताल हाल ही में एक सर्कुलर को लेकर चर्चा में था। जिसमे सभी नर्स को कहा गया था कि वह आपस में काम के दौरान मलयालम भाषा में बात नहीं करें। इस सर्कुलर पर विवाद उठने के बाद अस्पताल की नर्सिंग सुप्रिटेंडेंट ने माफी मांग ली है। इस सर्कुलर की वजह से काफई विवाद हुआ था और लोगों ने इसका काफी विरोध किया था। विरोध के बाद सर्कुलर को वापस ले लिया गया था।
सर्कुलर पर विवाद के बाद नर्सिंग सुप्रिटेंडेंड ने कहा कि इस सर्कुलर को सकारात्मक सोच के साथ जारी किया गया था,इसके पीछे मलयालम बोलने वाली नर्सिंग स्टाफ के प्रति कोई गलत धारणा नहीं थी। लेकिन सर्कुलर को गलत तरह से पेश किया गया और मुझे सर्कुलर को समझाने का मौका तक नहीं दिया गया। अगर इससे किसी भी स्टाफ की भावना आहत हुई है तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। साथ ही भविष्य में हम और भी सतर्क रहेंगे।
यही नहीं दिल्ली सरकार ने गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल को इस विवादित सर्कुलर के चलते मेमो भी जारी किया था। मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर अनिल अग्रवाल की ओर से कहा गया कि सर्कुलर को अस्पताल के प्रशासन और दिल्ली सरकार की जानकारी के बगैर जारी किया गया, लिहाजा यह तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है। गौर करने वाली बात है कि इस सर्कुलर के खिलाफ मेडिकल से जुड़े लोगों ने खुलकर अपनी राय रखी और इसकी आलोचना की। जिसमे कई दिग्गज नेता भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सर्कुलर की भाषा पर आपत्ति जताई। जबकि शशि थरूर ने कहा कि यह कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है, यह भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन है। जीबी पंत अस्पताल के एक एधिकारी ने कहा कि अस्पताल में तकरीबन 850 नर्सिंग स्टाफ है, जिसमे से 400 मलयालम बोलने वाली हैं।