छत्तीसगढ़: टिकट वितरण के साथ ही उठे बगावत के सुर, भाजपा-कांग्रेस का ये बिगाड़ेंगे खेल
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2 चरणों 12 व 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान से पहले ही सियासी युद्ध छिड़ गया है। सत्तासीन पार्टी भाजपा ने पहली लिस्ट जारी करते हुए 78 कैंडिडेट्स का ऐलान किया। वहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पहले 12 और अब 6 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। लेकिन टिकट बंटवारे के बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच बगावती तेवर दिखने लगे हैं। नाराज कार्यकर्ताओं को समझाने-बुझाने में पदाधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ऐसे में खींचतान दूर करने के लिए बागडोर संभाली है। रमन ने इसे परिवार की छोटी कलह बताया है और कहा है कि मिल-बैठकर निपटा लिया जाएगा। वहीं, कांग्रेस एक दमदार प्रत्याशी को उतार कर मैदान जीतने की हर संभव कोशिश कर रही है।
भाजपा में वर्चस्व की लड़ाई और परिवारवाद
प्रदेश भाजपा में वर्चस्व की लड़ाई और परिवारवाद के चर्चों पर नजर डाली जाए तो बगावत होगी। ऐसे में भाजपा इस बार जिले की अधिकांश सीटें हार सकती है। बिलासपुर में मंत्री अमर अग्रवार का विरोध सत्तासीन दल के ही कार्यकर्ता कर रहे हैं। उनका कहना है कि अमर सालों से मंत्री हैं बावजूद इसके शहर में कोई विकास नहीं हुआ है। कांग्रेसियों पर लाठीचार्ज मामले में भी उन्हें लेकर काफी विरोध है। वहीं मंत्री अमर का कहना है किसी भी तरह का विरोध नहीं है ये कांग्रेसियों द्वारा फैलाई जा रही सिर्फ अफवाह है। जबकि, बिलासपुर के कार्यकर्ता रायपुर स्थित भाजपा कार्यालय में भी अमर अग्रवाल के खिलाफ नारेबाजी कर चुके हैं।
साजा में बसंत अग्रवाल ने दाखिल किया नामांकन
दुर्ग संभाग के साजा से खबर है कि बसंत अग्रवाल ने निर्दलीय नामांकन भर दिया है।इससे पहले भाजपा ने लाभचंद बाफना को वहां टिकट दिया था, जिसके बाद बसंत अग्रवाल ने मोर्चा खोल दिया था। बसंत अग्रवाल ने लाभचंद के खिलाफ रायपुर में भी भाजपा दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था और प्रत्याशी बदलने की मांग की थी। उस दौरान ये चेतावनी भी दी गयी थी कि अगर प्रत्याशी नहीं बदला गया तो भाजपा के कार्यकर्ता इस्तीफा दे देंगे।
शालीनगर में राकेश का विरोध
वहीं वैशालीनगर में राकेश पाण्डेय को टिकट देने पर हंगामा बढ़ता जा रहा है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि दुर्ग में बीजेपी कार्यकर्ता तीन गुटों में बंट चुका है। एक गुट स्थानीय मंत्री के साथ है तो दूसरा केंद्र की एक दमदार महिला नेता के साथ। जिन प्रत्याशियों का सर्वे में रिपोर्ट टोटल नेगेटिव मार्क मिले पार्टी ने उन्हीं के गले में स्वागत हार डाल दिया है। अब जब हार पहना ही दिया है तो अब आने वाले दिनों में पार्टी कार्यकर्ताओं को मेहनत के बाद भी हार का डर सताने लगा है।
यादव समाज का कांग्रेस को समर्थन
यादव समाज के भी बीजेपी पार्टी को अपने समाज से एक प्रत्याशी उतारने की मांग की गई थी जिसे नकारते हुए बीजेपी पार्टी ने अन्य समाज को तवज्जो दिया जिससे यादव समाज अब कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने का मन बना रही है।
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