Anil Deshmukh Row: SC आज करेगा परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई, देशमुख के खिलाफ CBI जांच की मांग
मुंबई। इस वक्त महाराष्ट्र में परमबीर सिंह के लेटर से भूचाल मचा हुआ है, जिसके बाद महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार सवालों के घेरे में आ गई है और विपक्ष इस मुद्दे पर जमकर उस पर निशाना साध रहा है तो वहीं आईपीएस परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। मालूम हो कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर ने अनिल देशमुख पर अपने आरोपों की सीबीआई जांच की मांग और खुद को पुलिस कमिश्नर के पद से ट्रांसफर किए जाने की अधिसूचना पर रोक की मांग की है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल और आर सुभाष रेड्डी की बेंच करने वाली है।
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आपको बता दें कि मुंबई के आयुक्त के पद से हटाने के बाद परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने मामले में आरोपी बनाए गए सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूलने के लिए कहा था। यही नहीं परमबीर सिंह ने ये भी कहा है कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने के लिए गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे सीधा गृहमंत्री देशमुख के संपर्क में था, दोनों की फरवरी में देशमुख के ही घर पर मीटिंग हुई थी।
अनिल देशमुख ने कहा-सब गलत है
जबकि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को गलत ठहराया है और कहा है कि परमबीर सिंह खुद एंटेलिया और मनसुख हीरेन केस में फंस रहे हैं। ऐसे में खुद को बचाने के लिए मेरे ऊपर कीचड़ उछाल रहे हैं। देशमुख ने ट्वीट कर कहा कि जांच जैसे-जैसे आगे जाएगी, ये पता भी चल जाएगा कि कौन सही है और कौन गलत। यह सब मुझे बदनाम करने और महागठबंधन सरकार को बदनाम करने की साजिश है। मुख्यमंत्री को उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। परम बीर सिंह को अपने आरोपों को साबित करना चाहिए। मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर रहा हूं।
वसूली अघाड़ी' की राजनीतिक दिशा क्या है?
इस मामले पर मंगलवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस वार्ता की है, जिसमें उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस वक्त जो हो रहा वो 'विकास' नहीं 'वसूली' है। भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि राज्य के गृह मंत्री ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है। जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो सोचिए बाकी के मंत्रियों का कितना होगा, वसूली अघाड़ी' की राजनीतिक दिशा क्या है? शरद पवार राजनीतिक साख पसंद करते हैं, लेकिन किस मजबूरी में वो अनिल देशमुख का समर्थन कर रहे हैं, सरकार को जवाब देना ही होगा, वो चुप नहीं रह सकती है।