नागपुर के लड़के को अमेरिकी कंपनी ने दिया 33 लाख का ऑफर, उम्र देखकर वापस लिया
नागपुर, 23 जुलाई: नागपुर का रहने वाला 15 साल का वेदांत देवकाटे अपनी मां के पुराने लैपटॉप पर इंस्टाग्राम ब्राउज़ कर रहे था। तभी उसे एक वेबसाइट डेवलपमेंट प्रतियोगिता का लिंक मिला। इस पर क्लिक कर वेदांत उस प्रतियोगित में शामिल हो गया। वेदांत ने दो दिनों में कोड की 2,066 लाइन्स लिख दीं। जिसके बाद उन्हें अमेरिकी कंपनी से नौकरी का ऑफर आ गया। सैलरी पैकेजः करीब 33 लाख रुपये सालाना था। लेकिन वेदांत की उम्र आड़े आ गई। कंपनी ने उनसे नौकरी वापस ले ली।
1000 लोगों के पछाड़ सिलेक्ट हुए थे वेदांत
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, न्यूजर्सी की विज्ञापन एजेंसी ने वेदांत अपनी एचआरडी टीम में शामिल होने ऑफर दिया था। उनका काम था अन्य कोडर्स को मैनेज करना और उन्हें काम देना। लेकिन जब कंपनी को पता चला कि, जिसे उन्होंने नौकरी दी है, उसकी उम्र मात्र 15 साल है तो अपनी ने नौकरी का ऑफर लेटर वापस ले लिया। वह दुनिया भर के 1000 प्रतियोगियों में चुना गया था।
कंपनी ने नौकरी वापस लेते हुए वेदांत को सुझाव दिया कि, वे पहले अपनी पढ़ाई पूरी करें, इसके बाद वे मुझे नौकरी के लिए संपर्क करें। फर्म ने वेदांत को लिखा,हम आपके अनुभव, व्यावसायिकता और दृष्टिकोण से प्रभावित हैं। टीम ने आपकी प्रजेंटेशन को एंजॉय किया और हमारी रणनीति में आपकी अंतर्दृष्टि को महत्व दिया। वेदांत इससे पहले एक वेबसाइट भी बना चुके हैं।
वेदांत ने खुद की बना रखी है एक वेबसाइट
वेदांत ने एक वेबसाइट, animeeditor.com विकसित की थी, जो लोगों को यूट्यूब जैसे वीडियो अपलोड करने का विकल्प प्रदान करती है। इस वेबसाइट में ब्लॉग, व्लॉग्स, चैटबॉट और वीडियो एक ही प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकते हैं। वेदांत ने बताया कि, इस वेबसाइट को बनाने के लिए मैंने एचटीएमएल और जावास्क्रिप्ट भाषा और वर्चुअल स्टूडियो कोड (2022) का इस्तेमाल किया है।
वेदांत
ने
अपने
स्कूल
नारायण
ई-टेक्नो
वाथोडा
में
एक
रडार
सिस्टम
मॉडल
डिजाइन
करके
एक
साइंस
एग्जिविशन
में
गोल्ड
मेडल
जीता
था।
वेदांत
के
पिता
राजेश
और
मां
अश्विनी
नागपुर
के
इंजीनियरिंग
कॉलेजों
में
सहायक
प्रोफेसर
हैं।
वेदांत
के
पिता
अपने
लैपटॉप
को
लॉकर
में
और
मोबाइल
फोन
को
कार
में
रखते
हैं।
उन्हे
इस
बात
का
डर
है
कि
कहीं
वेदांत
इस
सब
के
चक्कर
में
अपनी
पढ़ाई
ना
छोड़
दे।
लॉकडाउन में सिखी थी कोडिंग
वेदांत ने कहा कि मैंने अपनी मां के लैपटॉप पर लॉकडाउन के दौरान सॉफ्टवेयर विकास, कोडिंग और पायथन जैसी तकनीकों पर लगभग दो दर्जन ट्यूटोरियल सेशन में भाग लिया था। वेदांत ने वेबसाइट विकसित करने के लिए इस धीमे और पुराने लैपटॉप पर काम किया। अब उनकी ये सफलता लोगों को चौंका रही है। हालांकि अब वेदांत के पिता राजेश अब उनके लिए एक नया लैपटॉप लेने की सोच रहे हैं। ताकि उनके बेटे को सिखने में आसानी हो।
ऑफर लेटर देख वेदांत को नहीं हुआ विश्वास
राजेश ने बताया कि, हमें इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि, यह मेरे बेटे के स्कूल से एक कॉल था। जिसने हमें इस नौकरी की पेशकश के बारे में बताया था। वेदांत को अमेरिकी कंपनी से ईमेल मिला था और वह इसे लेकर कन्फ्यूज था। उसने अपने शिक्षकों को बताया और जब वह ऑफर लेटर सही निकला तो तो वे दंग रह गए। उन्होंने मेरे बेटे को कंपनी को वापस लिखने में मदद की। उन्हें बताया कि वह केवल 15 वर्ष का है और कक्षा 10 में पढ़ रहा है।
पिता लैपटॉप को लॉकर में बंद करके रखते थे
कंप्यूटर विज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रोफेसर अश्विनी ने कहा कि वेदांत मेरे लैपटॉप पर चिपका रहा था, जिसे लेकर मुझे चिंता होती थी, लेकिन मुझे इस बात का कोई आइडिया नहीं था कि वह वास्तव में कुछ प्रोडक्टिव कर रहा था। मैं हमेशा उस पर सख्त रहा हूं। लेकिन उनके शिक्षकों और प्रिंसिपल (रानी भोयर) ने मुझे सिर्फ यह कहने के लिए बुलाया कि मेरा बेटा प्रतिभाशाली बच्चा है।