Monsoon Alert: चुभती गर्मी के बीच 7 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानिए दिल्ली में कब होगी झमाझम
भारतीय मौसम विभाग ने देश के सात राज्यों में दो दिनों के लिए भारी और बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
नई दिल्ली। पूरा उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी की मार झेल रहा है। आसमान से आग बरस रही है और लू के थपेड़ों के साथ उमस ने घरों के अंदर भी लोगों का हाल बुरा कर रखा है। वहीं, मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल मानसून सही रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, लेकिन यूपी और दिल्ली-एनसीआर में इसके पहुंचने में अभी देर है। इस बीच भारतीय मौसम विभाग ने देश के सात राज्यों में दो दिनों के लिए भारी और बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
इन सात राज्यों में दो दिन होगी भारी बारिश
चिलचिलाती गर्मी के बीच भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कर्नाटक, तेलंगाना और गोवा में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जारी करते हुए इन तीनों राज्यों को रेड अलर्ट पर रखा है। मौसम विभाग का कहना है कि 13 और 14 जून को इन तीनों राज्यों में मौसम बिगड़ने के आसार हैं। इसके साथ ही इन दो दिनों में ओडिशा, छत्तीसगढ़, मेघालय और आंध्र प्रदेश में भी मध्यम से भारी बारिश की भविष्यवाणी जारी की गई है।
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दिल्ली का मौसम कब बदलेगा
मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर पश्चिम-मध्य और आस-पास के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में एक कम दबाव का सिस्टम बना हुआ है, जिसके चलते इन राज्यों में बारिश के आसार बने हैं। यह कम दबाव का सिस्टम अगले कुछ दिनों में पश्चिम और उत्तर-पश्चिम की ओर चलेगा, जिससे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में बारिश के साथ-साथ आंधी चलेगी।
राजस्थान में 13 जून से लेकर 16 जून तक चलेंगी लू
वहीं, दूसरी तरफ देश के कई हिस्सों में फिलहाल मौसम शुष्क ही बना रहेगा। इसके अलावा राजस्थान में 13 जून से लेकर 16 जून तक लू चलने की आशंका जताई गई है। इससे पहले शुक्रवार को मौसम विभाग की ओर से बताया गया था कि मानसून एकदम सही रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। कर्नाटक और महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों को ये कवर कर चुका है। अगले 48 घंटे में मानसून ओडिशा के बचे हिस्सों के साथ-साथ छत्तीसगढ़, दक्षिण गुजरात, दक्षिण एमपी और बिहार के ज्यादातर हिस्सों में पहुंच जाएगा।
'मानसून की शुरुआत और वापसी' की तारीखों में बदलाव
आपको बता दें कि भारतीय मौसम विभाग ने इस साल देश में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है। इसके अलावा मानसून के आने और जाने में होती रही देरी को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में 'मानसून की शुरुआत और वापसी' की तारीखों को संशोधित किया गया है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने बताया कि राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान के नेटवर्क में 3,500 रेन गेज स्टेशन हैं, जिनके जरिए 1961 से 2019 के बीच के बारिश के आंकड़ों का अध्ययन करते हुए मानसून की शुरुआत और वापसी की तारीखों को संशोधित किया गया है। उदाहरण के तौर पर, जालंधर जैसे शहरों में मानसून की शुरुआत की तारीख 13 जुलाई थी, लेकिन आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर अब यहां मानसून पहुंचने की तारीख बदलकर 28 जून की गई है।
देश के बड़े हिस्से में समय से पहले पहुंच जाएगा मानसून
इससे इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि इस साल देश के एक बड़े हिस्से में मानसून समय से पहले पहुंच जाएगा। मौसम विभाग ने बताया कि हमारे विश्लेषण के मुताबिक, मध्य और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में, मानसून के पहुंचने में 3 से 7 दिन की देरी होगी, लेकिन ठीक उसी समय मानसून राजस्थान के क्षेत्रों में पहले की अपेक्षा जल्दी सक्रिय हो जाएगा। इससे भी जरूरी बात यह है कि इस साल मानसून पूरे देश में एक हफ्ते पहले सक्रिय हो रहा है। मानसूनी बारिश सामान्य रूप से 14 जुलाई तक देश के पूरे हिस्से को कवर कर लेती है। लेकिन, इस बार यह सात दिन पहले ही पूरे देश को कवर कर रही है।
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