लोकसभा के बाद 2021 तक राज्यसभा में NDA को मिलेगा पूर्ण बहुमत!
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद एनडीए अब राज्य सभा में भी बहुमत की ओर बढ़ रहा है। राज्यसभा में बहुमत के लिए कुल 124 सीटों की जरूरत होती है, ऐसे में आंकड़ों पर नजर डालें तो एडीए 2021 में राज्यसभा में पूर्ण बहुमत हासिल कर लेगा। हालांकि इसमे महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में होने वाले विधानसभा के चुनाव अहम भूमिका निभाएंगे। ऐसे में राज्यसभा में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद एनडीए उ तमाम फैसलों को लेने में सफल होगी जो वह पिछले कार्यकाल में बहूमत का आंकड़ा नहीं होने की वजह से लेने में असमर्थ थी।
एनडीए के पास 102 सीटें
भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए की बात करें तो राज्यसभा में पार्टी के पास 102 सांसद हैं, वहीं कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए के पास 66 सांसद हैं। जबकि बाकी की सीटों की बात करें तो वह अलग-अलग क्षेत्रीय दलों में बंटी हुई है, साथ ही इसमे मनोनीत सांसद भी शामिल हैं। एनडीए के कुल 102 सांसद हैं, तो अकेले भाजपा के पास कुल 73 राज्यसभा सांसद हैं। वहीं विपक्ष की बात करें तो उसके पास कुल 101 सांसद हैं, जिसमे कांग्रेस के पास 50 सांसद हैं। जबकि 8 सीटें अभी खाली हैं, जिसमे से दो सीट असम, 6 सीट तमिलनाडु की हैं, दोनों ही असम की सीटें कांग्रेस के पास हैं।
2020 में होगा बड़ा बदलाव
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राज्यसभा सांसद हैं और वह 14 जून को रिटायर हो रहे हैं। वहीं तमिलनाडु की छह सीटों में एआएडीएमके के पास चार सीटें हैं, सीपीआई और डीएमके के पास एक-एक सीट हैं। एआईएडीएमके को एक सीट का नुकसान होगा जबकि डीएमको को दो सीटों पर फायदा होगा। राज्यसभा की सीटों में सबसे बड़ा बदलाव 2020 में देखने को मिलेगा, जबकि सदन में 72 नए सदस्य पहुंचेंगे। जिसमे से 15 ऐसे राज्यसभा सांसद होंगे जिन्हें कांग्रेस दोबारा वापस नहीं ला पाएगी।
कई पार्टियों की संख्या घटेगी
2020 की बात करें तो लेफ्ट के पास सिर्फ पांच सांसद रह जाएंगे, मौजूदा समय में उसके पास सात सांसद हैं। लेफ्ट के दो सांसद डी राजा और टीके रंगराजन 2020 में रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में मुमकिन है कि इन दोनों की फिर से सदन में वापसी नहीं हो पाएगी। वहीं सपा और बसपा को भी राज्यसभा में झटका लग सकता है। उत्तर प्रदेश की 10 सीटें 2020 में खाली होंगी, जिस तरह से भाजपा को यूपी में प्रचंड बहुमत मिला था उसके बाद भाजपा को यूपी से 9 राज्यसभा सांसद मिल सकते हैं। वहीं सपा के पास मौजूदा समय में 13 राज्यसभा सांसद हैं, जिसमे से छह का कार्यकाल 2020 में खत्म हो जाएगा। वहीं बसपा के पास कुल चार राज्यसभा सांसद हैं, उसे 2020 में दो सांसदों को राज्यसभा में खोना पड़ेगा और वह उन्हें फिर से वापस सदन में नहीं ला पाएगी।
बिहार महाराष्ट्र अहम
राज्यसभा में बड़े चेहरों की बात करें तो एनसीपी के शरद पवार 2020 में रिटायर हो रहे हैं और एक बार फिर से सदन में उनकी वापसी होगी या नहीं यह महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। 2020 में बिहार में भी विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में अगर विधानसभा चुनाव में भी प्रदेश की जनता ने लोकसभा चुनाव की तर्ज पर अपना जनमत दिया तो यहां की भी स्थिति बदल सकती है। भाजपा के खुद के आंकलन की बात करें तो 2021 तक एनडीए 124 के बहुमत के आंकड़े को राज्यसभा में हासिल कर लेगा। जिसके बाद कई ऐसे विवादित विधेयक जो सदन में अटके पड़े हैं उसे पार्टी पास करा सकती है।
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