महंगाई, बेरोजगारी, पुरानी पेंशन योजना, सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा, जानिए हिमाचल प्रदेश चुनाव से जुड़ी 10 बातें
Himachal Pradesh Polls:महंगाई, बेरोजगारी, पुरानी पेंशन योजना, सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा, जानें हिमाचल प्रदेश चुनाव से जुड़ी 10 बातें
Himachal Pradesh Elections 2022 Top 10 points: हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार 12 नवंबर को एक ही चरण में वोटिंग हो रही है। हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह आठ बजे मतदान शुरू हो गया है। वोटिंग आज शाम 5 बजे तक होगी। प्रदेश भर में 412 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज होने वाला है, जिसमें 24 महिला उम्मीदवार हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने मतदाताओं से वोट डालने की अपील की है। राज्य में आम आदमी पुरानी पेंशन योजना और पहाड़ी राज्य में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को ध्यान रख वोटिंग करेगी, क्योंकि यही सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है। हालांकि ओपिनियन पोल में भाजपा की फिर से वापसी की बात कही जा रही है।
आइए जानें हिमाचल प्रदेश चुनाव 2022 की 10 बड़ी बातें
1. हिमाचल प्रदेश में अगली सरकार चुनने के लिए मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की लंबी कतार देखने को मिल रही है। जहां, बीजेपी 1982 से राज्य में एक वैकल्पिक सरकार के चलन को पलट कर राज्य में सत्ता बरकरार रखने पर नजर गड़ाए हुए है, वहीं कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी (आप) भी मैदान में बीजेपी को टक्कर दे सकती है। इन तीनों पार्टियों के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी (आरडीपी) जैसी पार्टियां भी मैदान में हैं।
2. देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करने का वादा किया है। पार्टी ने 1 लाख सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया है। महिलाओं को लुभाने के लिए कांग्रेस ने प्रत्येक को 18 से 60 वर्ष की आयु के लिए 1,500 रुपये प्रति माह देने का वादा किया है। इसने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का भी वादा किया है।
3. बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता को लागू करने का वादा किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 नवंबर को कहा था, ''हमने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया है कि जैसे ही भाजपा हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आएगी, हम राज्य में 'कॉमन सिविल कोड' लागू करेंगे।"
4. चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य में कुल 55,92,828 मतदाता हैं। मतदाताओं की कुल संख्याओं में से 27,37,845 महिलाएं, 28,54,945 पुरुष और 38 थर्ड जेंडर से हैं। 43,173 युवा मतदाता हैं जिनकी उम्र कम से कम 18 साल है।
5. चुनाव आयोग के अनुसार आज के मतदान के लिए 7,881 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। कांगड़ा जिले में सबसे अधिक 1,625 मतदान केंद्र हैं जबकि लाहौल-स्पीति जिले में सबसे कम 92 मतदान केंद्र हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 7,235 मतदान केंद्र और शहरी क्षेत्रों में 646 मतदान केंद्र हैं।
6. हिमाचल प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराने के लिए राज्यभर में 30 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 67 कंपनियों में 6,700 कर्मियों और 15 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कंपनियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा 50 हजार सरकारी कर्मचारियों को पोल ड्यूटी पर लगाया गया है। राज्य भर में 25,000 पुलिस अधिकारी भी तैनात हैं।
7. हिमाचल का सबसे प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में सिराज है। सिराज विधानसभा सीट से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने चेतराम ठाकुर को उतारा है जो पिछली बार भी इस सीट से चुनाव लड़े थे। वहीं महिंदर राणा माकपा के उम्मीदवार हैं।
8. ओपिनियन पोल के मुताबिक 68 सीटों में से भाजपा के 31-46 सीटों के साथ सत्ता में वापसी कर सकती है। जबकि कांग्रेस 29-37 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है और आप के केवल एक से पांच सीट ही जीत सकती है।
9. चुनाव आयोग के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले पांच गुना बरामदगी हुई है। हिमाचल प्रदेश में 9.03 करोड़ की तुलना में कुल 50.28 करोड़ की जब्ती हुई है।
10. पिछले चुनाव में कैसा था हाल: 2017 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने कुल 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से 44 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि कांग्रेस केवल 21 सीटों पर जीती थी।