Himachal Elections 2022: फतेहपुर सीट में तिकोने मुकाबले में भाजपा, क्या खेल बिगाड़ सकते है परमार
Himachal Elections 2022: फतेहपुर सीट में तिकोने मुकाबले में भाजपा, क्या खेल बिगाड़ सकते है परमार
Himachal Elections 2022: कांगडा जिले की फतेहपुर सीट का चुनाव एकाएक सुर्खियों में आ गया है। दरअसल, यहां भाजपा के बागी कृपाल परमार को मनाने के लिए खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने फोन किया, जिससे मामला रोचक हो गया है। यहां तिकोने मुकाबले में एक बार फिर भाजपा कमजोर पड़ने लगी है। यहां भाजपा के बागी कृपाल परमार की बगावत भाजपा पर भारी पड रही है। पिछले उप चुनावों में परमार की बगावत की वजह से भाजपा चुनाव हारी थी।
फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने इस बार कृपाल परमार के दावे को नकारते हुए वन मंत्री राकेश पठानिया को चुनाव मैदान में उतारा है। राकेश पठानिया पिछली बार नुरपूर से चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार बीजेपी ने उनकी सीट बदल दी है। इसी वजह से पिछला चुनाव हारे कृपाल परमार ने बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन भरा दिया है, जिससे भाजपा के लिए नई मुसीबत खडी हो गई है। परमार, राकेश पठानिया का खुलकर विरोध कर रहे हैं, जिससे उनका चुनाव जीतना आसान नहीं है। यही वजह है कि खुद पीएम मोदी ने परमार को फोन कर चुनाव से हट जाने को कहा है।
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बातचीत के दौरान परमार ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा पर उन्हें 15 साल तक जलील करने का आरोप लगाया व कहा कि उनकी किसी ने नहीं सुनी, जिससे मजबूरन उन्हें चुनाव में उतरना पडा है। पीएम मोदी से बातचीत के बाद कृपाल परमार ने पीएम मोदी के साथ अपनी पुरानी तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा,
मोदी और मेरे संबंधों के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है। मैं सिर्फ इतना कहूंगा की मोदी हमारे भगवान हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे दशकों से पीएम मोदी का आशीर्वाद मिलता रहा है।
दरअसल, परमार ने तस्वीर शेयर करते हुए बताया कि यह तस्वीर 25 साल पहले की है। जब मोदी भारतीय जनता पार्टी के हिमाचल प्रदेश के राज्य प्रभारी थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका आशीर्वाद हमेशा हर एक कार्यकर्ता पर बना रहता है। वह हमारे पूरे परिवार के मुखिया हैं और पिता तुल्य हैं। फतेहपुर इस बार हमें भ्रष्टाचार, परिवारवाद और कांग्रेस को हराना है। वोट करते हुए चाल, चरित्र और चेहरे का ध्यान रखना है सिलाई मशीन को बैलट नंबर 6 पर वोट करना है।
फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पूर्व सांसद राजन सुशांत पहले ही चुनाव मैदान में हैं। उनका चुनाव प्रचार जोरों पर है। राजन सुशांत अपनी सभाओं में अपने विधायक व सांसद रहते हुए इलाके में करवाए गए विकास कार्यों से लोगों को अवगत करा रहे हैं। वहीं, मौजूदा प्रदेश सरकार पर भी कई आरोप लगाते हैं। राजन सुशांत फतेहपुर हल्के से चार बार विधायक व कांगडा संसदीय क्षेत्र से एक बार सांसद रहे हैं। पिछले उपचुनाव उन्हें हार मिली थी। इस बार फिर से सुशांत चुनाव मैदान में उतर गए हैं।
कांग्रेस पार्टी ने मरहूम कांग्रेस नेता सुजान सिंह पठानिया के बेटे भवानी सिंह को टिकट दिया है। बीते साल उप चुनावों में उन्हें जीत मिली थी। साल 2007 में विधानसभा परिसीमन से पहले फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र ज्वाली कहलाता था। यहां सुजान सिंह पठानिया का ही एक छत्र राज रहा है। भवानी सिंह राजनीति में नए चेहरे हैं। तुर्जबा भले ही राजनिति का उनके पास न हो। लेकिन अपने पिता की विरासत के बल पर उनकी लोकप्रियता कम नहीं है।
गौरतलब है कि लंबी बीमारी के बाद इसी साल फरवरी में पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया का निधन होने के बाद सीट खाली हुई थी। उसके बाद हुए उपचुनाव में सुजान सिंह के बेटे भवानी सिंह पठानिया को जीत मिली थी। कांग्रेस के दिग्गज नेता कहे जाने वाले सुजान सिंह पठानिया यहां से बार विधायक रह चुके थे। पठानिया साल 1977 में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे और इसके बाद वह 1990, 1993, 2003, 2009 में ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव, 2012 और 2017 में फतेहपुर सीट से चुनाव जीते थे। यहां अब देखने वाली बात होगी कि पीएम मोदी के फोन के बाद कृपाल परमार चुनाव मैदान से हटते हैं, या नहीं।