तूफान से हुई तबाही के लिए गुजरात सरकार मछुआरों को पहली बार 105 करोड़ रु. का राहत पैकेज देगी
अमरेली। अरब सागर से आए चक्रवातीय तूफान तौकते से हुई बर्बादी पर केंद्र व राज्य सरकार ने सर्वेक्षण किया। सामने आया कि, तूफान से हजारों करोड़ की संपत्ति को नुकसान हुआ है। तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं और सैकड़ों लोग जख्मी हुए। दो लाख से ज्यादा पेड़ धराशायी हो गए। हजारों झुग्गी-झोपड़ियां उड़ गईं। मछुआरों को भी भारी नुकसान पहुंचा। अब सरकार ने मछुआरों के लिए 105 करोड़ रु. के राहत पैकेज का ऐलान किया है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राहत पैकेज का ब्योरा देते हुए कहा कि, राज्य के इतिहास में पहली बार मछुआरों के लिए इतना बड़ा पैकेज घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, मंगलवार को हुई कोर कमेटी की बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया। उस बैठक में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल, मत्स्य पालन मंत्री जवाहर चावडा और मुख्य सचिव अनिल मुकीम और वरिष्ठ सचिव मत्स्य पालन एवं पशुपालन आयुक्त आदि शामिल हुए थे।
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अधिकारियों ने बताया कि, तौकते तूफान 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात के जाफराबाद, राजुला, सैयदराजपारा, शियालबेट, नवाबबंदर सहित सौराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में आया था। उस दौरान मछली पकड़ने वाली नावों, बड़े ट्रॉलर और बंदरगाह पर भारी नुकसान हुआ।
मुख्यमंत्री का कहना है कि, मछुआरों को 5 लाख रुपए तक की मदद दी जाएगी। सरकार की ओर से बताया गया कि, घोषित 80 करोड़ रुपए के राहत पैकेज में नाविकों की नावों, ट्रॉलरों, मछली पकड़ने के जाल आदि को हुए नुकसान की मरम्मत के लिए 25 करोड़ रुपये व मछली बंदरगाह के बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए भी करोड़ों रुपए की व्यवस्था की गई है। साथ ही मछुआरों को 2000 की सहायता राशि का भुगतान सीधे खाते में DBT के जरिए करेंगे।