कोरोना का कहर: जवान बेटे की मौत के बाद मां-बाप ने भी तोड़ा दम, 15 दिन में एक घर से उठी 3 अर्थियां
गोरखपुर, मई 20: कोरोना वायरस के संक्रमण ने ना जाने कितने घर तबाह कर दिए। कहीं पूरा परिवार खत्म हो गया तो कहीं बच्चे अनाथ हो गए। कहीं जवान बेटों की मौत हो गई तो कहीं मां-बाप दुनिया छोड़ गए। दिल को झकझोर देने वाली एक ऐसी ही घटना यूपी के गोरखपुर से सामने आई है। यहां कोरोना की वजह से जवान बेटे की मौत हो गई। बेटे की मौत के सदमे में पहले मां फिर पिता ने भी दम तोड़ दिया। 15 दिन के अंदर एक ही घर तीन अर्थियां उठीं। इस घटना से आसपास के लोग भी स्तब्ध रह गए।
जवान बेटे की मौत के बाद मां-बाप ने भी तोड़ा दम
घटना चौरीचौरा तहसील के अधिवक्ता संजय कुमार उपाध्याय के घर की। संजय कुमार नोटरी का काम करते थे। पंचायत चुनाव के दौरान नोटरी बनाने के दौरान ही वह कोरोना पॉजिटिव हो गए। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। बेटे की मौत का सदमा ऐसा लगा कि पहले मां और फिर पिता की भी मौत हो गई। बता दें, 48 वर्षीय संजय उपाध्याय बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री व उपाध्यक्ष थे। आस्था हॉस्पिटल तारामंडल में उनका इलाज चल रहा था। 20 अप्रैल को उनका निधन हो गया था। बेटे की मौत को बर्दाश्त नहीं कर पाने की वजह से 10वें के दिन यानी 29 अप्रैल को उनकी 75 वर्षीया मां संयोगिता उपाध्याय का निधन हो गया। तीसरे दिन 2 मई को संजय के पिता 78 वर्षीय रधुवंश उपाध्याय का भी निधन हो गया।
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15 दिनों के अंदर एक घर से उठी 3 अर्थियां
सभी की मौत कोरोना के कारण होना बताया गया। एक की परिवार से महज 15 दिनों के भीतर 3 अर्थियां उठीं तो गांव में दहशत का माहौल पैदा हो गया। लोग घरों में कैद हो गए। कुछ ही करीबी उनके घर तक पहुंचे। संजय के छोटे भाई बंटी उपाध्याय ने बताया कि उनके भाई नोटरी बनाते थे। पंचायत चुनाव के संबंध में उनकी मौत हुई, लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके परिवार की सुध नहीं ली। संजय की मौत के बाद माता और पिता का भी साया उठने से परिवार पूरी तरह बिखर गया है। अधिवक्ता की पत्नी सुनैना देवी व उनके दो बच्चों स्तुति उपाध्याय (20) व सत्यय (17) का भी रो-रो कर बुरा हाल है। अब छोटे भाई बंटी के ऊपर ही परिवार की जिम्मेदारी है।