प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रीस्तरीय समूह को समाप्त किया
नरेंद्र माेदी ने 9 मंत्रियों के अधिकार समूह और 21 मंत्री समूह को बर्खास्त कर दिया है। मोदी ने मंत्रियों के अधिकार को समाप्त करने के साथ ही यह भी कहा कि पुराने मामलों में अभी तक कोई निष्कर्ष न आ पाने के कारण ऐसा किया जा रहा है। इसका मतलब साफ हो गया है कि मोदी निचले स्तर से लेकर ऊपर तक के सभी विभागों में अपनी दखल देना जरूरी समझ रहे हैं।
प्रधानमात्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के सभी भाजपा महासचिवों के साथ मुलाकत की। इस मुलाकात में मोदी ने ने कहा कि सभी महासचिवों की यह जिम्मेदारी है कि वो अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ एक अच्छा संबंध स्थापित करें ताकि किसी भी सिरे से कोई चूक होने की कोई गुंजाइया न रहे। मोदी ने यह भी कहा कि यदि निचले स्तर पर काम अच्छा होगा तो कार्यकर्ताओं को एक मजबूती मिलेगी।
पीएमओ ने कहा कि जहां कहीं भी मंत्रालयों को कठिनाई आएगी, कैबिनेट सचिवालय और पीएमओ निर्णय लेने की प्रक्रिया में मदद करेंगे। बयान में ईजीओएम और जीओएम भंग करने के ऐलान को बड़ा कदम बताते हुए कहा गया है कि ऐसा मंत्रालयों और विभागों के सशक्तीकरण के लिए किया गया है।
पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी अधिकांश ईजीओएम के अध्यक्ष थे। भ्रष्टाचार, अंतर राज्यीय जल विवाद, प्रशासनिक सुधार और गैस एवं दूरसंचार मूल्य जैसे मुद्दों पर फैसले के लिए उक्त समूहों का गठन किया गया था। ईजीओएम के पास केंद्रीय मंत्रिमंडल की तर्ज पर फैसले लेने का अधिकार था। वहीं जीओएम की सिफारिशें अंतिम फैसले के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश की जाती थीं।