Sambhaji Bhide: कौन है सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संभाजी भिडे?
Sambhaji Bhide: इंफोसिस फाउंडेशन की चेयर पर्सन और इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति की धर्मपत्नी सुधा मूर्ति सुर्खियों में बनी हुई है। दरअसल, सुधा मूर्ति और संभाजी भिड़े की एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें सुधा मूर्ति संभाजी भिडे के पैर छूते हुए दिखाई दे रही हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास सुधा मूर्ति महाराष्ट्र के सांगली में उनकी एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थी जिसका अनुवाद मराठी में किया गया था। पिछले दिनों भी संभाजी भिडे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो में वे एक न्यूज चैनल की महिला पत्रकार को बाइट लेने के लिए आने से पहले उसके माथे पर बिंदी लगाने और उससे बात करने से इनकार करते हुए दिखाई दे रहे थे।
उन्होंने उस महिला पत्रकार से कहा कि एक महिला 'भारत माता' की तरह होती है और बिंदी न लगाकर उसे विधवा की तरह नहीं होना चाहिए। संभाजी भिड़े के इस बयान के बाद महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने कहा कि संभाजी ने एक महिला पत्रकार से बात करने से इनकार कर दिया क्योंकि उसके माथे पर बिंदी नहीं थी। एक महिला अपने काम की गुणवत्ता से जानी जाती है। संभाजी का बयान एक महिला के गौरव और उसके सामाजिक कद को नीचा दिखाने वाला है।
कौन है संभाजी भिडे
मनोहर भिड़े जिन्हें आज संभाजी भिडे या गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 10 जून 1933 को महाराष्ट्र के सांगली में हुआ। उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पुणे स्थित सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी से की है। संभाजी भिडे को पुणे, सांगली, कोल्हापुर, बेलगाम, मुंबई और सतारा में बहुत लोग मानते हैं और वहां उनके हज़ारों समर्थक भी हैं।
1980 में संभाजी भिडे, 'शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान' नाम के एक संगठन के माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी के बारे में शिक्षा देते है। अपना खुद का संगठन बनाने से पहले संभाजी भिड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े रहे। संभाजी भिडे अपनी साधारण जीवन शैली के लिए जाने जाते हैं और सामान्यतः लोकल बस व साइकिल द्वारा सफर करते है। वह कभी कोई फुटवियर नहीं पहनते।
2008 में संभाजी भिडे के समर्थकों ने रितिक रोशन की फ़िल्म 'जोधा अकबर' में इतिहास के साथ छेड़छाड़ के चलते थिएटर शो में बहुत बवाल किया था। जिसके बाद संभाजी भिडे को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
भीमा कोरेगांव हिंसा
1 जनवरी 2018 को पुणे के नजदीक, भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वी वर्षगाँठ पर प्रतिबंधित माओवादी संगठनों से जुड़ी एल्गर परिषद नाम की एक संस्था ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में भड़काऊ भाषणों के चलते, भीड़ उत्तेजित हो गयी और हिंसा पर उतर आई। इस हिंसा के मुख्य आरोपी गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवारा राव, अरुण फरेरा को UAPA कानून के तहत गिरफ्तार कर किया गया। इन पर भीमा कोरेगांव में एकत्रित लोगों को हिंसा के लिए उकसाने और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया गया था।
दो गुटों के बीच हुई इस हिंसा में एक नाम संभाजी भिडे का भी था। 2 जनवरी को उन पर और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ FIR दर्ज कर डी गयी। अक्टूबर 2018 में एक आरटीआई के माध्यम से खुलासा हुआ कि महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने संभाजी भिडे और उनके साथियों पर दर्ज मामले वापस लेने का फैसला कर लिया।
Filed RTI to seek information on how many cases against political leaders&their supporters were withdrawn since 2008. 3 cases against Bhima Koregaon violence accused Sambhaji Bhide were withdrawn & 9 cases against BJP & Shiv Sena leaders withdrawn: RTI activist Shakeel A Shaikh pic.twitter.com/Fb0zLeYqud
— ANI (@ANI) October 1, 2018
राजनेताओं से संबंध
संभाजी के लगभग सभी दलों के राजनेताओं के साथ सम्बन्ध रहे है, मगर वे खुद किसी राजनैतिक दल से कभी नहीं जुड़े और न ही उनके संगठन ने कभी सक्रिय राजनीति में भाग लिया।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संभाजी भिडे को कई बार एक साथ देखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी संभाजी भिड़े को गुरुजी कह कर ही पुकारते है। पीएम मोदी के अलावा, उदयनराजे भोसले (शिवाजी महाराज के वंशज) भी संभाजी के समर्थक हैं।
NCP प्रमुख शरद पवार के भी संभाजी भिड़े के साथ अच्छे संबंध है। दिवंगत कांग्रेस नेता पतंगराव कदम और NCP नेता आरआर पाटिल भी उनके साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े रहे हैं।
शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के भी संभाजी के साथ अच्छे संबंध रहे थे। कुछ दिनों पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से भी उन्होंने मुलाकात की थी।
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