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North East Elections: दस साल पहले तीन राज्यों में मात्र एक सीट पाने वाली बीजेपी अब सत्ता में, जानें वजह

10 साल पहले तक बीजेपी का पूर्वोंतर कोई प्रभाव नहीं था लेकिन अब अधिकांश राज्यों में भाजपा या उसके सहयोगी दलों की सरकारें हैं।

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North East Election results BJP performance history in tripura nagaland meghalaya

North East Elections: पूर्वोत्तर के 3 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में त्रिपुरा और नागालैंड में भाजपा गठबंधन को बहुमत मिला हैं। त्रिपुरा में भाजपा गठबंधन को 33 सीटें और नागालैंड में भाजपा गठबंधन को 37 मिली हैं। वहीं, मेघालय में भाजपा को मात्र 2 सीटें मिली हैं जबकि मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। एनपीपी के खाते में अभी 26 सीटें आई हैं। वहीं चुनाव से पहले भाजपा से गठबंधन तोड़ने वाली एनपीपी का एक बार फिर भाजपा से गठबंधन हो गया है।

इस लिहाज से देखें तो 60-60 विधानसभाओं वाली इन तीनों राज्यों में भाजपा या उसके समर्थन की सरकार बनने जा रही है। अब सवाल ये है कि भाजपा ने बीते 10 सालों में ऐसा क्या किया कि पूर्वोंतर राज्यों में 'वोटकटवा' की गिनती वाली पार्टी आज बैक-टू-बैक सरकार बना रही है।

2013 में भाजपा का प्रदर्शन बेहद खराब

साल 2013 के चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन बहुत ही ज्यादा खराब था। ज्यादातर सीटों पर तो जमानत जब्त हो गई थी। त्रिपुरा में भाजपा ने तब 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और सभी पर हार का सामना करना पड़ा। पूरे राज्य से सिर्फ 33,808 वोट मिले और वोटिंग शेयर 1.5 प्रतिशत रहा। नागालैंड में 11 सीटों पर उतरी भाजपा को सिर्फ 1 सीट पर ही जीत मिली। वोटिंग शेयर 1.75 प्रतिशत रहा और कुल 19121 वोट मिले।

तब, मेघालय में बीजेपी 13 सीटों पर उतरी और सभी सीटों पर हार गई। पार्टी को कुल मिले वोटों की कुल संख्या 16800 थी और वोट शेयर 1.27 प्रतिशत ही रहा। इस लिहाज से साल 2013 में, तीन राज्यों में बीजेपी ने 74 सीटों पर दांव खेला और जीती केवल 1 सीट।

2018 में बीजेपी ने पूरी बाजी ही पलट दी

अगले चुनावों में, त्रिपुरा में 51 सीटों पर चुनाव लड़ी और 35 सीटें जीत गईं। साथ ही वोट शेयर में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। यानी 2013 के 1.5 प्रतिशत से इस बार यह बढ़कर 43.59 प्रतिशत हो गया। इस प्रचंड बहुमत की बदौलत त्रिपुरा में पहली बार भाजपा की सरकार बनी।

इन चुनावों में नागालैंड में बीजेपी का गठबंधन नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी से हो गया। जिसके कारण बीजेपी 20 सीटों पर उतरी और 12 में जीत हासिल की। इस बार वोट शेयर 15.31 प्रतिशत रहा। जबकि मेघालय में बीजेपी 47 सीटों पर उतरी और सिर्फ 2 सीटें जीत सकी लेकिन वोट शेयर बढ़कर 9.63 प्रतिशत हो गया।

2023 में सत्ता को बचाये रखा

2023 में इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा। इस बार भाजपा ने त्रिपुरा में 32 सीटें जीती और वोट शेयरिंग 38.97 प्रतिशत रहा। नागालैंड में भाजपा ने 2018 की तरह ही 12 सीटें जीतीं और 18.81 प्रतिशत मत मिले। जबकि मेघालय में भाजपा ने 2 सीटें जीती और वोट शेयरिंग 9.33 प्रतिशत रहा।

त्रिपुरा में बीजेपी के जीत के कारण

त्रिपुरा की बात करें तो यहां कांग्रेस और लेफ्ट के बीच गठबंधन होने के बावजूद अंदरूनी कलह जारी रहा। 2018 के चुनाव में 44 प्रतिशत वोट पाने वाली सीपीएम ने महज 1.5 प्रतिशत वोट पाने वाली कांग्रेस से हाथ मिलाया। लेफ्ट और कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी मतभेद का सीधा फायदा बीजेपी को हुआ। त्रिपुरा की राजनीति में सबसे बड़ा योगदान आदिवासी समुदाय का होता है। 60 सीटों वाली विधानसभा में 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं और बीजेपी आदिवासी समुदाय को साधने में कामयाब रही। साथ ही महिला और युवा वोटरों को बीजेपी ने अपने पक्ष में किया। कई एग्जिट पोल के मुताबिक 49 प्रतिशत महिलाओं ने बीजेपी को अपनी पहली पसंद माना है।

साथ ही बीजेपी ने राज्य में विकास को मुद्दा बनाया और इसे पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार के समय खूब प्रचारित किया गया। खुद पीएम मोदी ने अगरतला में 4350 करोड़ से ज्यादा की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया। वहीं जब बिप्लब देब जो 4 साल तक मुख्यमंत्री थे। उन्हें लेकर पार्टी के अंदर और बाहर माहौल बदला तो तुरंत उन्हें हटाकर माणिक साहा को सीएम बनाया और लोगों के बीच ये संदेश दिया कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं है।

नागालैंड में बीजेपी की जीत की वजहें

नागालैंड की बात करें तो यहां बीजेपी गठबंधन की जीत की सबसे बड़ी वजह मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की लोकप्रियता है। वहीं पीएम मोदी द्वारा चुनाव प्रचार करना बीजेपी के लिए जीत की सबसे बड़ी वजह बना। उन्होंने कहा कि हम पूरे नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) का भी जिक्र करते हुए कहा कि यहां AFSPA की जरूरत ना पड़े, इसके लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं। नागालैंड में परमानेंट पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र दिया। जो नागालैंड के वोटर्स के बीच चर्चा का विषय भी बना।

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साथ ही नागालैंड में बीजेपी की जीत का सबसे बड़ा चेहरा प्रदेश अध्यक्ष तेमजेन इमना को माना जा रहा है। जो युवा वोटर्स के बीच काफी लोकप्रिय है। वहीं बीजेपी युवाओं के अलावा गरीब, आदिवासी और महिला वर्ग को साधने में भी कामयाब रही। पार्टी द्वारा सभी वर्गों को हर एक स्कीम में प्राथमिकता दी गई। रीजन और रिलीजन देखकर भेदभाव नहीं किया गया। जो जीत का सबसे बड़ा फैक्टर बना।

यह भी पढ़ें: BJP in North East: राजनीतिक लाभ से ज्यादा स्वीकार्यता का संतोष

English summary
North East Election results BJP performance history in tripura nagaland meghalaya
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