अग्निIV और अग्निV की सफलता के पीछे है इस 'मिसाइल वुमन' का हाथ
डॉक्टर अब्दुल कलाम के 'ड्रीम प्रोजेक्ट' अग्नि मिसाइल को आगे बढ़ा रही हैं देश की महिला वैज्ञानिक टेसी थॉमस। देश की पहली महिला साइंटिस्ट हैं टेसी जिन्हें मिली हैं इतनी बड़ी जिम्मेदारी।
नई दिल्ली। हाल ही में भारत ने पहले अग्नि V और फिर अग्नि IV का सफल टेस्ट किया। दोनों ही मिसाइल इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम(आईसीबीएम)के तहत डेवलप की गई हैं। जहां अग्नि V की रेंज 5,000 किमी से ज्यादा है तो वहीं अग्नि IV की रेंज 4,000 किमी से ज्यादा है। यह मिसाइल पूर्व राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' अब्दुल कलाम का ड्रीम प्रोजेक्ट था।
डॉक्टर अब्दुल कलाम की ही तरह एक 'मिसाइल वुमन' भी इस प्रोजेक्ट के साथ जुड़ी हुई हैं। इनका नाम है डॉक्टर टेसी थॉमस जो कि देश की पहली ऐसी महिला वैज्ञानिक हैं जिन्हें इतने अहम प्रोग्राम का जिम्मा दिया गया है। एक नजर डालिए कौन हैं टेसी और उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ अहम और रोचक तथ्य।
शुरू हुआ मिसाइल के साथ लव अफेयर
केरल के अलपुझा में अप्रैल 1963 को जन्मी टेसी ने त्रिशूर के गर्वमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। टेसी के घर के पास ही एक रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन था और इसी स्टेशन की वजह से रॉकेट और मिसाइल के साथ उनका लव अफेयर शुरू हुआ।
सपने को हकीकत में बदलने की शुरुआत
टेसी ने फिर अपने इसी प्यार को अमलीजामा पहनाने के लिए पुणे के इंस्टीट्यूट ऑफ अरमामेंट टेक्नोलॉजी से एमटेक की पढ़ाई पूरी की। इस इंस्टीट्यूट को अब डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के नाम से जानते हैं। टेसी ने यहां से गाइडेड मिसाइल में एमटेक की पढ़ाई की थी।
आईसीबीएम एक शांति का हथियार
उनके माता-पिता ने मदर टेरेसा के नाम पर उनका नाम रखा था। 20 अप्रैल 2012 को जब भारत ने पहली बार अग्नि V का सफल टेस्ट किया तो टेसी का नाम सुर्खियों में आ गया। एक बेटे तेजस की मां आईसीबीएम को शांति का हथियार मानती हैं।
अब्दुल कलाम हैं टेसी के गुरु
टेसी वर्ष 1988 में डीआरडीओ से जुड़ी थीं। और यहां उन्हें 'मिसाइल वूमन' के नाम से भी जाना जाता है। वह डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को अपना गुरु मानती हैं। वर्ष 1988 से ही वह अग्नि मिसाइल प्रोग्राम के साथ जुड़ी हैं।
अग्नि का गाइडेंस प्रोग्राम टेसी की देन
टेसी शुरुआत में अग्नि-III मिसाइल के डेवलपमेंट के साथ जुड़ी थीं। वर्ष 2011 में वह अग्नि-IV मिसाइल डेवलमेंट प्रोग्राम के साथ जुड़ीं। फिर वर्ष 2009 में उन्हें अग्नि V के साथ बतौर प्रोजेक्ट डायरेक्टर जोड़ा गया। डॉक्टर टेसी ने सारी अग्नि मिसाइल के लिए गाइडेंस प्रोग्राम को डिजाइन किया है।
दिन में 12 घंटे काम करने वाली टेसी
डॉक्टर टेसी दिन में 12 घंटे काम करती हैं और वह अपना घर भी संभालती हैं। जनवरी 2012 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बताया था। 'मिसाइल वुमन'के अलावा उन्हें 'अग्नि पुत्री' के नाम से भी जाना जाता है।
पति इंडियन नेवी ऑफिसर
साल 2012 में उन्हें लाल बहादुर शास्त्री पुरस्कार और 2014 में उन्हें वाई नयादम्मा से भी नवाजा गया है। उनके पति सरोज कुमार इंडियन नेवी में ऑफिसर हैं और बेटा तेजस फोर्ड टेक्नोलॉजीज में इंजीनियर है।