PoJK वापस लेने के भारत के संकल्प और तैयारी के बारे में किसने क्या और कब कहा?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) और गिलगित-बाल्टिस्तान को भारत में वापस लाना भारतीय संसद का संकल्प है।
14 फरवरी 2019 को जब पुलवामा जिले में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एक आत्मघाती हमलें में 40 सीआरपीएफ जवानों को मार दिया था, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा था, "जघन्य हमले को अंजाम देने वालों और उनके सरपरस्तों को करारा जवाब दिया जाएगा। भारत की शांति, प्रगति और स्थिरता को भंग करने में कोई भी ताकत कामयाब नहीं होगी।" जिसके 12 दिन बाद ही भारतीय वायुसेना ने PoJK के बालाकोट में कई आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए और उन्हें नष्ट कर दिया।
गृहमंत्री अमित शाह
5 अगस्त 2019 को देश की संसद ने जम्मू और कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया। 6 अगस्त 2019 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि "जम्मू-कश्मीर पर सभी फैसले PoJK और अक्साई चिन पर लागू होते हैं। PoJK और अक्साई चिन भारत के अभिन्न और अवियोज्य अंग है और इसमें कोई संदेह नहीं है और इस पर कोई कानूनी विवाद नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि "जब भी मैं जम्मू और कश्मीर के बारे में बात करता हूं, PoJK और अक्साई चिन इसके अंतर्गत आते है और हम इसके लिए जान भी दे सकते हैं।"
13 फरवरी 2021 को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा को अवगत कराया कि "पाकिस्तान, पश्चिमी पाकिस्तान और PoJK शरणार्थियों के साथ-साथ 2,642 वाल्मीकि परिवारों, 592 गोरखाओं और 43 अन्य परिवारों को अधिवास प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।"
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
18 अगस्त 2019 को केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हरियाणा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भविष्य में पाकिस्तान के साथ बातचीत होती है तो PoJK एजेंडे में सबसे ऊपर होगा। उन्होंने आगे कहा कि "बातचीत क्यों होनी चाहिए? किन मुद्दों पर बातचीत होगी? पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी शुरू होगी जब वो आतंकवाद को संरक्षण देना बंद कर देगा। अगर बातचीत शुरू होती है, तो यह केवल PoJK पर होगी और कोई अन्य मुद्दा नहीं होगा।"
29 अगस्त 2019 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि "कश्मीर के बारे में चर्चा करने के लिए क्या है? कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। 1954 से चुनाव होते हैं, मुख्यमंत्री चुने जाते हैं, राज्य में चुनी हुई सरकारें होती हैं, संसद सदस्य चुने जाते हैं। जो चर्चा की जानी बाकी है वह PoJK को सौंपे जाने पर होगी।"
29 अगस्त 2019 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं - कश्मीर कब आपका हिस्सा था? कश्मीर हमेशा भारत का हिस्सा था। पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान समेत PoJK पर अवैध कब्जा किया है। कश्मीर पर बोलने के बजाय, उसे उस क्षेत्र में लोगों पर किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर ध्यान देना चाहिए।"
22 सितंबर 2019 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि "आप देख सकते हैं कि पाकिस्तान पहले से ही हतोत्साहित हो रहा हैं। पाकिस्तान के पीएम PoJK आते हैं और पाकिस्तानियों को सीमा पर नहीं जाने का सुझाव देते हैं। यह अच्छा है क्योंकि अगर वे आते हैं, तो वे पाकिस्तान वापस नहीं जा पाएंगे। उन्हें 1965 और 1971 को दोहराने की गलती फिर से नहीं करनी चाहिए। अगर पाकिस्तान इसे दोहराता हैं, तो उन्हें सोचना चाहिए कि PoJK का क्या होगा।"
25 सितंबर 2019 को एक रैली को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "अनुच्छेद 370 को खत्म कर हमारी सरकार ने एक ऐतिहासिक काम किया है, लेकिन पाकिस्तान इसे पचा नहीं पा रहा है। हम पाकिस्तान के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं लेकिन PoK पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। आज भी जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में 24 सीटें PoJK के लिए खाली छोड़ी गई हैं।"
14 जून 2020 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि "जरा रुकिए, जल्द ही PoJK मांग करेगा कि वे भारत के साथ रहना चाहते हैं, न कि पाकिस्तान के शासन में। और जिस दिन ऐसा हो जाएगा, हमारी संसद का एक लक्ष्य भी पूरा हो जाएगा।"
4 नवंबर 2020 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि "पाकिस्तान को एक बात स्पष्ट रूप से समझ लेनी चाहिए कि पूरा PoJK भारत का था और आज भी हम PoJK को भारत का हिस्सा मानते हैं और भविष्य में भी यह भारत के पास रहेगा। यह हमारी संसद का संकल्प है।"
24 जुलाई 2022 रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "PoJK पर संसद में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। PoJK भारत का हिस्सा था, है और भारत का हिस्सा रहेगा। यह कैसे हो सकता है कि शिव के रूप में बाबा अमरनाथ हमारे यहाँ और मां शारदा शक्ति LoC के दूसरी तरफ है।"
26 सितंबर 2022 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "1971 का युद्ध प्रभुत्व, भूमि या शक्ति के लिए नहीं था, इसे मानवता के लिए याद किया जाएगा। यदि उस समय PoJK पर निर्णय लिया गया होता तो PoJK आज भारत के पास होता, न कि पाकिस्तान के पास।"
27 अक्टूबर 2022 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि उसने हमारे इलाके के लोगों को कितने अधिकार दिए हैं, जिन पर उसने अनाधिकृत कब्जा कर लिया है। सभी जानते हैं कि मानवाधिकारों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाला पाकिस्तान इन लोगों की कितनी परवाह करता है। पाकिस्तान अमानवीय घटनाओं के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। पाकिस्तान जो आज PoJK में अत्याचार के बीज बो रहा है, उसे आने वाले समय में कांटों का सामना करना पड़ेगा।"
विदेशमंत्री एस जयशंकर
17 सितंबर 2019 को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि "PoJK पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। PoJK भारत का हिस्सा है और हमें उम्मीद है कि एक न एक दिन क्षेत्राधिकार होगा।"
भारतीय सेना
12 सितंबर 2019 को तत्कालीन भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने PoJK पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि सेना PoJK में एक्शन के लिए हमेशा तैयार रहती है। उन्होंने कहा, "इस मुद्दे पर सरकार द्वारा कुछ किया जाना चाहिए। अन्य संस्थान इस संबंध में सरकार के निर्देशानुसार कार्य करेंगे।"
14 सितंबर 2019 को तत्कालीन नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा कि "पाकिस्तान द्वारा प्रयास किए गए हैं और पिछले कुछ दिनों से बहुत बयानबाजी हुई है कि वे PoJK में नागरिकों, स्थानीय लोगों को लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) के करीब आने और यहां तक कि पार करने का प्रयास करना चाहते हैं।" हालांकि, मैं पाकिस्तान को आगाह करना चाहूंगा कि वह PoJK के नागरिकों को 'तोप के चारे' के रूप में इस्तेमाल न करें क्योंकि भारतीय सेना बहुत स्पष्ट है, अगर LOC का उल्लंघन करने का कोई प्रयास किया गया तो उन्हें बहुत प्रभावी ढंग से जवाब दिया जाएगा।"
25 अक्टूबर 2019 को भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि "जिस क्षेत्र पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा किया है वो पाकिस्तानी संस्थानों द्वारा नियंत्रित नहीं है, यह आतंकवादियों द्वारा नियंत्रित है। PoJK वास्तव में एक आतंकवादी-नियंत्रित देश या पाकिस्तान का एक आतंकवादी-नियंत्रित हिस्सा है।"
11 जनवरी 2020 को सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि "एक संसदीय प्रस्ताव है कि पूरा जम्मू-कश्मीर क्षेत्र भारत का हिस्सा है। अगर संसद चाहती है तो PoJK भी हमारा होना चाहिए। जब हमें इस आशय का आदेश मिलेगा, हम उचित कार्रवाई करेंगे।"
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर
मार्च 2019 में यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट काउंसिल की एक मीटिंग को संबोधित करते हुए भारत ने कहा कि कुछ बड़े मामलों को देखने की आवश्यकता है, वे हैं जम्मू और कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान का अवैध कब्ज़ा और PoJK के लोगों की निरंतर पीड़ा, जो सांप्रदायिक संघर्ष, सेना उत्पीड़न, हिंसा, आतंकवाद, आर्थिक कठिनाइयों, भेदभावपूर्ण नीतियों के शिकार हैं और यहां तक कि बुनियादी अधिकारों से भी वंचित है।
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