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S. Jaishankar: क्यों चर्चा में रहते हैं विदेश मंत्री जयशंकर? उनके किन बयानों ने मचाया धमाल?

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S. Jaishankar: भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर (एस. जयशंकर) अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने सटीक बयानों की वजह से चर्चा में रहे हैं। एस जयशंकर ने साल 2019 में विदेश मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। पिछले तीन साल में कई ऐसे मौके आए हैं, जहां एस जयशंकर ने बिना लाग-लपेट के अपनी बात रखी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर को 38 साल तक भारतीय विदेश सेवा (IFS) का अनुभव है। उन्होंने अमेरिका और चीन के मुद्दों को बेहद करीब से हैंडल किया है।

foreign minister jaishankar prasad statements remains in discussion?

उन्होंने अपने खास अंदाज से सोशल मीडिया यूजर्स को कायल बनाया है। वो चुभने वाली बात भी बिना चेहरे के भाव बदले आसानी से कह जाते हैं, जिसकी वजह से वो पिछले कुछ समय से चर्चा में भी रहे हैं। जानते हैं विदेश मंत्री ने कब-कब अपने इस अंदाज से सबको चौंकाया है...

अमेरिका को दिखाया आइना

इस साल की शुरुआत में भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता हुई थी। इस वार्ता में भाग लेने एस जयशंकर और रक्षा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह वाशिंगटन गए थे। इस दौरे पर कई ऐसे मौके आए जब जयशंकर अमेरिकी मीडिया में दिए बयान की वजह से चर्चा में रहे थे।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने वार्ता के दौरान भारत में 'मानवाधिकारों के हनन' का मुद्दा उठाया था, जिस पर एस जयशंकर ने कहा था कि भारत भी अमेरिका में मानवाधिकार हनन को लेकर चिंतित है। एस जयशंकर के इस बयान वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। कई यूजर्स ने सोशल मीडिया पर कहा कि आजतक किसी विदेश मंत्री ने इस तरह अमेरिका को आइना नहीं दिखाया होगा।

विदेशी मीडिया की बोलती हुई बंद

अमेरिकी दौरे पर एस जयशंकर का एक और बयान काफी चर्चा में रहा था। जब दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्री मीडिया के सवालों के जबाब दे रहे थे, तो भारत द्वारा रूस से तेल और गैस खरीद को लेकर सवाल पूछा गया। जिसमें सवाल उठाया गया कि रूस ने जब यूक्रेन में युद्ध छेड़ रखा है, तो भारत उससे तेल या गैस क्यों खरीद रहा है? इसके जबाब में एस जयशंकर ने कहा कि भारत एक महीने में रूस से जितनी एनर्जी खरीदता है, उतनी यूरोप आधे दिन में खरीद लेता है, तो यह सवाल तो यूरोपियन देशों से होना चाहिए।

आतंकवाद पर तीखा प्रहार

एस जयशंकर ने हाल ही में आयोजित 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में आतंकवाद की वजह से पैदा हुए खतरे के स्तर की तीव्रता में वृद्धि हुई है, क्योंकि कुछ देश आतंकवाद को अपनी राजनीति के साधन के तौर पर देखते हैं।

उन्होंने कहा कि आतंक, आतंक है और इसे कभी सही नहीं ठहराया जा सकता है। दुनिया को इस संकट के निपटने के लिए राजनैतिक मतभेदों से ऊपर उठने की जरूरत है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हर मोर्चे पर, हर स्थिति में और हर जगह डटकर लड़ी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी आतंकवाद की बात आएगी, हम पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे, हम कभी समझौता नहीं करेंग और न्याय सुनिश्चित करने के अपने प्रयास में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे।

चीन ने भी की तारीफ

विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा पश्चिमी देशों पर दिए बयान के बाद चीन ने भी उनकी तारीफ की है। चीन और रूस की बढ़ती नजदीकियों के जरिए पश्चिमी देशों द्वारा भारत को भड़काने पर उन्होंने कहा कि चीन और भारत अपने विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने में सक्षम हैं, किसी और देश को उंगली उठाने के लिए कोई जगह नहीं है। जयशंकर के इस बयान पर चीनी सरकार के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि यह बयान पश्चिमी देशों के मुंह पर जोरदार तमाचा है।

संसद में दिए इस बयान से चौड़ी हो जाएगी छाती

विदेशों में ही नहीं एस जयशंकर संसद में दिए अपने भाषण की वजह से भी चर्चा में रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत सरकार द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन गंगा' मिशन पर संसद में बेहद चर्चित बयान दिया था। उन्होंने संसद में ऑपरेशन गंगा मिशन पर बोलते हुए कहा कि एक देश के विदेश मंत्री ने उनके सामने बड़े ही गर्व से कहा कि वो दो विमानों से अपने नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित अपने देश लेकर आए हैं। इस पर एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार 'ऑपरेशन गंगा' के तहत 90 विमानों से भारतीय नागरिकों को लेकर आई तो उनका मुंह खुला रह गया। विदेश मंत्री के इस बयान की संसद में विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सराहना की थी।

विपक्ष को दी नसीहत

एस जयशंकर ने संसद में अपने बयान से विपक्षी नेताओं को भी कई बार चुप कराया है। संसद में उन्होंने पूर्व विदेश मंत्री वीके कृष्ण मेनन का जिक्र करते हुए कहा था कि वे संयुक्त राष्ट्र में सबसे लंबा भाषण देने के लिए चर्चित हैं।

उन्होंने विपक्षी नेताओं को भी राष्ट्रहित देखने की सलाह देते हुए कहा कि हम दुनिया को ज्ञान देने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं, हमें राष्ट्रहित पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने (वीके मेनन) जिस बात को कहने में घंटो लगाए, वो हम 6 मिनट में कह सकते हैं। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने 'एस जयशंकर फैन कल्ब' बनाने की मांग तक कर दी।

यह भी पढ़ें: S Jaishankar: आखिर क्यों दूसरे देशों की बोलती बंद कर देते हैं विदेश मंत्री? एस जयशंकर ने खुद खोला अपना राज

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English summary
foreign minister jaishankar prasad statements remains in discussion?
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