
S Jaishankar: आखिर क्यों दूसरे देशों की बोलती बंद कर देते हैं विदेश मंत्री? एस जयशंकर ने खुद खोला अपना राज
S Jaishankar On Foreign Policy: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) फिलहाल अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए मिस्र (Egypt) के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने राजधानी काहिरा में भारतीय समुदाय के लोगों से बातचीत की। बातचीत के दौरान उनसे भारत की विदेश नीति को लेकर मुखर होने को लेकर सवाल पूछा गया। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि वो मुखर हो रहे हैं, लेकिन ये है तो एक स्थिति की वजह से है।
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सशक्ता से जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "ईमानदारी के साथ एक बात कहना चाहता हूं कि क्या होता है न... जब आप दूसरे पर दबाव डालते हैं, धक्का देने की कोशिश करते हैं... तो क्या ऐसी स्थिति में आप खत्म हो जाते हैं? ऐसी स्थिति में पूरी शिद्द्त के साथ अपने विचार व्यक्त करने के अलावा आपके पास कोई विकल्प नहीं बचता है। मैं अभी भी मानता हूं कि खुद को समझाना जरूरी है..."

कई बार सवाल पूछने वाला निष्पक्ष नहीं होता
विदेश मंत्री ने आगे कहा, " कई बार होता ये है कि आपकी स्थिति को चित्रित किया जा रहा होता है, लेकिन यह सब पूरी निष्पक्षता के साथ नहीं हो रहा होता। अपना एजेंडा थोपा जा रहा होता है... ऐसी स्थिति में मुझे नहीं लगता कि चुप रहने की कोई जरुरत है। अगर हम ऐसा करते हैं तो ये हम अपने साथ न्याय नहीं कर रहे हैं।"

देश के लिए मुखरता से बात रखना जरूरी
एस जयशंकर ने आगे कहा कि मुझे पता है ये कभी कभी एक निश्चित तरह से खत्म होता है। तो ये मैं नहीं हूं, लेकिन आप कह सकते हैं कि ये वो संदर्भ है जो निकलता है। एक देश के रूप में ये जरूरी हो जाता है कि अपने हितों के लिए आप स्पष्ट रहें। हम अगर ये कर रहे हैं तो क्यों कर रहे हैं ये साफ होना जरूरी है।

गुटनिरपेक्ष मूवमेंट रहने पर क्या बोले?
गुटनिरपेक्ष मूवमेंट के बारे में उनकी राय पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये एक ऐसा ग्रुप था जो अलग दौर में शुरू हुआ था। इसका एक संदर्भ था। आज मैं इसके बारे में इतना ही कहूंगा कि स्वतंत्र विचारधारा वाले देशों के लिए ये जरूरी है कि वो अपने मन की बात कहें, दुनिया जिस दिशा में जा रही है, उसे आकार देने और प्रभावित करने की कोशिश की जाए क्योंकि आज दुनिया बहुत ही ध्रुवीक्रत हो गई है।

दो तरकी से हो रहा दुनिया का ध्रुवीकरण
विदेश मंत्री ने कहा कि आज दो तरह का ध्रुवीकरण हो रहा है। पूर्व और पश्चिम का ध्रुवीकरण तो हो ही रहा है इसके साथ ही राइट और लेफ्ट का भी ध्रुवीकरण हो रहा है। आप जानते हैं कि अमीर और अधिक विकसित देश पूरी तरह से समझ नहीं पा रहे हैं कि दुनिया में जो हो रहा है उससे गरीब देश कितना आहत हो रहे हैं। ये बहुत ही तनावपूर्ण और दुखी दुनिया है। भारत के पास अपनी आवाज है और इसी तरह की आवाज वाले और भी देश हैं।

कोविड के दौरान भारत ने किया अच्छा काम
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदा। कई बार भारत के इस फैसले लेकर आलोचना भी हुई है लेकिन भारत के विदेश मंत्री इस फैसले की व्याख्या करने में सबसे आगे रहे हैं। उनकी सीधी और सधी हुई टिप्पणियों के लिए कई बार वे सराहे भी गए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने कोविड के दौरान भारतीयों को घर वापस लाने का अभूतपूर्व काम किया। यह आज का भारत है, जो बड़े काम करने में सक्षम है। आज साबित हो गया है कि यह चुनौतियों का सामना कर सकता है।
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