Video: Chhattishgarh में नवरात्रि पर्व पर नशा मुक्ति का संदेश, 25 हजार बोतलों से सजा भव्य पंडाल
छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के बाद नौ दिनों के इस महापर्व को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। नवरात्रि में माता के भव्य पंडालों का निर्माण दुर्ग जिले में किया गया है।
दुर्ग, 26 सितम्बर। देशभर में मां दुर्गा के भक्ति और आराधना के महापर्व शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के बाद नौ दिनों के इस महापर्व को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। नवरात्रि में माता के भव्य पंडालों का निर्माण दुर्ग जिले में किया गया है। इन्हीं में से एक अनोखे और आकर्षक पंडाल का निर्माण भिलाई के लाल मैदान में दुर्गा उत्सव समिति द्वारा किया गया है। इस पंडाल को समिति द्वारा एंटी ड्रग्स यानी नशा मुक्ति अभियान की थीम पर भव्य पंडाल बनाया गया है। इस पंडाल में लगभग 25000 शराब की बोतलों का इस्तेमाल किया गया है।
51 वर्षों से लाल मैदान में सज रहा पंडाल
दुर्ग जिले में हर साल क्वार नवरात्रि पर मां दुर्गा की आराधना के लिए जगह-जगह पंडाल सजाए जाते हैं। इन पंडालों में माता की स्थापना की जाती है। पंडालों में आदिशक्ति मां दुर्गा के दर्शन तो भक्त कर रही रहें हैं। लेकिन दुर्ग जिले के भिलाई स्थित लाल मैदान में नेताजी सुभाष नवयुवक जागृति दुर्गा उत्सव समिति द्वारा 51 वर्ष से एक विशेष थीम पर पंडाल सजाया जाता है। पिछले बार जहां समिति ने मिट्टी की विलुप्त होती कलाकृति और इसका कुम्हार जाति के जीवन पर पड़ रहे प्रभाव को दर्शाते हुए। लगभग दस हजार मटको से पंडाल का निर्माण किया गया था। इस बार भी खास थीम पर 60 फिट ऊंचा पंडाल सजाया गया है।
एंटी ड्रग्स की थीम पर सजा मैय्या का दरबार
इस बार लाल मैदान में दुर्गा उत्सव समिति ने नशा मुक्ति अभियान की थीम पर पंडाल तैयार किया है। पंडाल के बाद नशे के सामग्रियों की आकृतियां बनी है। जिसमें आपको 25 हजार शराब की बोतलें नजर आएंगी। इन बोतलों से एंटी ड्रग्स लिखा गया है। पवित्रता ले लिए इन बोतलों को पूरी तरह से साफ किया गया है। इसके साथ ही अलग अलग कम्पनियों के 10 लाख गुटखा पैकेट का जाल, ड्रग्स, सीरिंज, सिगरेट, गांजा, बीड़ी की आकृतियां, देखने को मिलेंगी। सिगरेट के आग में जलता हुआ इंसान, ड्रग्स के इंजेक्शन से लाल होती धरती, गुटखा खाने के बाद कैंसर जैसी बीमारियों से बिगड़ता चेहरा, शराब से बर्बाद होता परिवार, जुआ के लत में फंसकर बर्बाद होता इंसान, नशासूर द्वारा पृथ्वी को निगलते हुए दर्शाया गया है।
पंडाल के अंदर दिखाया गया है नशे का दुष्परिणाम
इस भव्य पंडाल के अंदर नशे की लत से कैंसर और टीबी जैसी बीमारी को गले लगाते दिखाया गया है। इसके साथ ही नशे के सामान , शराब, नशीली टैबलेट, ड्रग्स के इंजेक्शन, सिगरेट, ड्रग्स की पुड़िया, की आकृतियां देखने को मिलेंगी, इसके साथ ही यहां पृथ्वी पर रहने वाले जीवों और मनुष्यों पर नशे के दुष्प्रभावों को भी दर्शाया गया है। गर्भवती महिलाओ के शराब, ड्रग्स के सेवन से बच्चे पर पड़ने वाले असर, बीड़ी सिगरेट के सेवन बीमार व्यक्ति, ड्रग्स से तबाह होती जिंदगी,नशे से बाहर निकालने का प्रयास करता हुआ एक सच्चा इंसान, नशा उन्मूलन के सन्देश आपको पंडाल के अंदर देखने मिलेंगे।
युवाओं में बढ़ रहा नशे का क्रेज, इसलिए चुना गया यह थीम
समिति के उपाध्यक्ष ने बताया कि इस थीम का चयन विशेष तौर पर वर्तमान समय में युवाओं में बढ़ रहे नशे की लत को लेकर तैयार किया गया है। इसके साथ ही आज पूरे विश्व में जिस तरह से नशे के हालात है। उसे देख कर लगता है कि धीरे धीरे यह पृथ्वी नशासुर रूपी दैत्य के मुंह में समा जाएगी। समिति के उपाध्यक्ष गोविंद सिंह के अनुसार पंडाल के बाहर नशे की सामग्रियों को दिखाया गया है। तो वहीं पंडाल के भीतर इससे पढ़ने वाले शारीरिक मानसिक व सामाजिक दुष्प्रभावों को दिखाया गया है।
शिक्षित वर्ग भी नशे के आगोश में, बिखर रहे परिवार
समिति के उपाध्यक्ष ने बताया कि आज जिस तरह युवा वर्ग नशे की आगोश में आकर अपना शरीर और भविष्य दोनों बर्बाद कर रहें हैं। इसके अलावा अन्य शिक्षित लोग भी शराब, गुटखा, ड्रग्स, गांजा, अफीम जैसे नशे की लत से जीवन तबाह कर रहें हैं। आज नशे के कारण परिवार और समाज में अशांति व्याप्त है। जुआ, सट्टा की लत में इंसान को बर्बाद कर रहा हैं। परिवार बिखर रहें हैं। कामकाजी व गर्भवती महिलाओं में बढ़ते ड्रग्स और शराब के प्रचलन से इसका प्रभाव पैदा होने वाले बच्चों पर भी पड़ता है। इसके साथ ही परिवार के एक मुखिया के शराब के लत में पड़ने से पूरा परिवार इसका जाल में फंस जाता है।
पंडाल देख हुए प्रभावित, तो शपथ मंच में छोड़े नशा
इसके अलावा इस पंडाल को देखकर अगर दर्शन करने पहुंचे लोगों के मन में भी परिवर्तन आता है। तो पंडाल में समिति द्वारा नशा मुक्ति शपथ मंच का भी निर्माण किया गया है। जिसके माध्यम से आप नशा मुक्त होने की शपथ लेकर नशा त्याग सकते हैं। इसके साथ ही समिति के 51 वे वर्ष के तौर पर 28 सितम्बर को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। वही 1 व 2 अक्टूबर को डॉ राहुल ठाकुर हड्डी रोग विशेषज्ञ, और डॉ सुमन राव किडनी रोग विशेषज्ञ के माध्यम से कैंप का आयोजन समिति ने किया है। इस कैम्प में होने वाले सभी टेस्ट पर 50 प्रतिशत तक कि छूट रखी गई है। इसके साथ ही कवि सम्मेलन का आयोजन भी समिति द्वारा किया गया है। प्रतिदिन को कोविड से बचाब के लिए बूस्टर डोज भी लगाए जा रहे हैं।
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