दुर्ग : 28 साल बाद शिवनाथ का महातांडव, शहरों तक पहुंचा पानी, स्कूल, कॉलेज, मंदिर हुए जलमग्न
छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं, राजनांदगांव के मोंगरा बैराज से भी इन तीन दिनों में ढेड़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। जिसके चलते दुर्ग संभाग की जीवनदायनी शिवनाथ नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया।
दुर्ग, 17 अगस्त। छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के चलते नदियां पूरी तरह उफान पर हैं, बांधो में पानी 95 प्रतिशत भर चुका है। बांधो को बचाने अब नदियों में पानी छोड़ा जा रहा है। राजनांदगांव के मोंगरा बैराज से भी इन तीन दिनों में ढेड़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। जिसके चलते दुर्ग संभाग की जीवनदायनी शिवनाथ नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। शिवनाथ के किनारे गांवो में पानी घुस गया है। वहीं अब शिवनाथ का पानी दुर्ग शहर के पुलागांव क्षेत्र में भरता जा रहा है। जिससे मुख्य मार्ग से आवागमन बाधित हो चुका है।
इन
बांधो
से
छोड़ा
गया
तीन
लाख
क्यूसेक
पानी
भारी
बारिश
के
चलते
प्रदेश
में
जन
जीवन
अस्त
व्यवस्त
है।
लगातार
बारिश
के
कारण
तांदुला
और
खरखरा
जलाशय
छलक
गए
हैं
तो
वहीं
मोंगरा
बैराज,
सूखानाला
और
घूमरिया
बैराज
से
पानी
छोड़ना
पड़ा।
चौतरफा
पानी
के
दबाव
के
कारण
शिवनाथ
खतरे
के
निशान
से
15
फिट
ऊपर
बहने
लगी
है।
मोंगरा,
घुमरिया
से
तीन
दिनों
में
तीन
लाख
क्यूसेक
पानी
छोड़ा
गया
है।
शिवनाथ
नदी
में
राजनांदगांव
जिले
के
मोंगरा
व
घुमरिया
सुखनाला
बैराजों
से
बीते
रविवार
को
60हजार
क्यूसेक,
सोमवार
को
2
लाख
8
हजार
क्यूसेक,मंगलवार
को
58
हजार
और
आज
7500
क्यूसेक
पानी
छोड़ा
गया
है।
सुबह
4
बजे
की
स्थिति
में
बैराजों
से
घटते
क्रम
में
पानी
शिवनाथ
नदी
में
छोड़ा
जा
रहा
है।
दुर्ग
संभाग
के
जिलों
में
रिकॉर्ड
बारिश,
जीवनदायिनी
शिवनाथ
दिखा
रही
रौद्र
रूप,
सेल्फी
बन
सकती
है
खतरा
ग्रामीणों
को
किया
जा
रहा
रेस्क्यू
दुर्ज
जिले
के
शिवनाथ
नदी
के
किनारे
मंगलवार
को
ग्राम
आलबरस
में
25
और
असरनारा
के
बाड़ी
में
फंसे
तीन
लोगों
को
रेस्क्यू
कर
निकाला
गया।
यहां
के
40
परिवारों
को
नजदीकी
गांव
भरदा
के
स्कूल
में
ठहराया
गया
है।
महमरा
के
आबादी
पारा
के
19
परिवार
ने
आसपास
के
घरों
व
सामुदायिक
भवन
में
शरण
ली
है।
पुलगांव
के
शिवनाथ
पारा
बस्ती
में
करीब
45
मकान
है।
यहां
4
से
5
फीट
तक
पानी
भर
गया।
यहां
के
150
सदस्यों
ने
पास
के
ही
गुरुद्वारा
एवं
एक
निजी
मैरिज
पैलेस
में
आश्रय
लिया
हुआ
है।
शिवनाथ
का
जलस्तर
बढ़ने
से
6
गांव
टापू
बन
गए।
खाड़ा,
आलबरस,
भोथली,
चंगोरी,
झेंझरी,
सहगांव
पानी
से
घिर
गया।
इनमें
बाढ़
से
घिरे
गांवों
के
अलावा
ग्राम
तिरगा
झोला,
पीसेगांव,
कोलिहापुरी,
पीपरछेड़ी,
पुलगांव,
मोहलाई,
भरदा
,
कोनारी,
कोटनी,
हरदी,
पथरिया,
अरस
नारा,
महमरा,
भरदा,
आदि
शामिल
है।
बाढ़
के
चलते
खाद्यान्न
की
समस्या
बाढ़
प्रभावित
भोथली
गांव
के
सरपंच
सुरेश
साहू
बताते
है
कि,
उनके
गांव
के
लगभग
70
परिवार
के
मकानों
में
पूरी
तरह
से
पानी
भर
गया
है।
इनमें
से
8
परिवारों
को
एक
स्कूल
में
ठहराया
गया
है,
शेष
परिवार
अपने
परिजनों
या
परिचितों
के
यहां
आसरा
लिए
हुए
हैं।
उन्होंने
बताया
कि
ग्राम
पंचायत
में
एक
क्विंटल
अतिरिक्त
भंडारित
चावल
के
अलावा
अन्य
कोई
राशन
की
व्यवस्था
नहीं
की
गई
है।
स्कूल
में
ठहरे
ग्रामीणों
के
लिए
भोजन
की
समस्या
बनी
हुई
है।
पानी
से
चारों
तरफ
से
घिर
चुके
इस
गांव
में
ट्रैक्टर
के
माध्यम
से
जनपद
के
अधिकारियों
के
एक
दल
ने
ग्रामीणों
की
मांग
पर
दवा
पहुंचाई
है।
गांवो
के
बाद
शहर
भी
बाढ़
की
चपेट
में
शिवनाथ
नदी
का
पानी
गांवो
के
बाद
अब
शहरों
में
भरने
लगा।
मंगलवार
को
बाढ़
का
पानी
इतना
बढ़
गया
ता
कि
दोपहर
तक
पुलगांव
नाला
पुल
के
दोनों
ओर
पानी
भर
जाने
से
पुल
के
ऊपर
से
आवागमन
बंद
करना
पड़
गया।
लोग
वहां
तक
न
पहुंच
सके
इसके
लिए
गंजपारा
चौक
एवं
मिनी
माता
चौक
में
बेरीकेट्स
लगा
दिया
गए
थे।
इससे
बालोद
की
ओर
जाने
वाले
वाहन
पुलगांव
बायपास
से
गुजर
रहे
थे।
मगर
जलस्तर
बढ़ने
से
पुलगांव
बायपास
सड़क
के
डेढ़
फीट
ऊपर
से
पानी
का
बहाव
होने
लगा
इससे
चलते
मार्ग
को
बंद
कर
दिया
गया।
MP Heavy rain: भारी बारिश से बह रहे पुल, कई डैम के गेट खुलने से मचा हाहाकार
जिला
प्रशासन
के
पास
जानकारी
का
अभाव
उधर,
धमधा
एसडीएम
ब्रिजेश
क्षत्रिय
ने
बताया
कि
क्षेत्र
के
किसी
गांव
में
पानी
नहीं
घूसा
है
और
न
ही
कोई
गांव
बाढ़
से
घिरा
है।
पूरा
अमला
मुश्तैद
है।
दुर्ग
एसडीएम
मुकेश
रावटे
बताते
है
कि,
भरदा
में
30
और
आलबरस
में
ईंट
भट्टे
में
फंसे
20
व
अरसनारा
से
तीन
श्रमिकों
को
सुरक्षित
स्थान
पर
बाहर
निकाला
गया
है।
वहीं
जिले
में
बाढ़
की
स्थिति
की
सही
जानकारी
जिला
प्रशासन
के
उच्च
अधिकारी
नहीं
दे
पा
रहे
है।