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छत्तीसगढ़: हसदेव अरण्य के विरोध में ग्राम सभा में प्रस्ताव पास, लेकिन प्रशासन ने बताया अवैध !

हसदेव क्षेत्र में परसा ईस्ट केते बासन खदान के विस्तार के संबंध में ग्राम सभा पर विवाद शुरू हो गया है।

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अंबिकापुर, 09 जून। छत्तीसगढ़ की सियासत का पारा बढ़ाने वाले हसदेव अरण्य बचाओं आंदोलन पर राज्य सरकार और आंदोलनकारियों के बीच रार कम होने का नाम नहीं ले रही है। हसदेव क्षेत्र में परसा ईस्ट केते बासन खदान के विस्तार के संबंध में ग्राम सभा पर विवाद शुरू हो गया है। सरगुजा कलेक्टर के आदेश के बाद घाटबर्रा के सरपंच ने ग्रामसभा करवाई थी,जिसमे ग्रामीणों ने खदान के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है, लेकिन सरगुजा प्रशासन ही ग्राम सभा को अवैध बताने के प्रयास में लग गया है।

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घाटबर्रा के सरपंच जयनंद पाेर्ते के मुताबिक सरगुजा कलेक्टर संजीव झा ने 25 मई को एक पत्र जारी करके घाटबर्रा गांव में प्रस्तावित खदान परियोजना के लिए 28 मई को विशेष ग्रामसभा आयोजित करने का निर्देश दिया था। इस ग्रामसभा में खदान के प्रस्ताव पर ग्रामीणों के विरोध और विवाद की स्थित में ग्रामसभा को स्थगित कर दिया गया था।

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जिसके बाद 4 जून को ग्रामसभा की बैठक रखी गई ,जो स्थगित हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक 8 जून एक बार फिर ग्रामसभा आयोजित की गई,जिसमे ग्रामीणों ने खदान के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजा के प्रस्ताव काे नामंजूर कर दिया। घाटबर्रा की ग्रामसभा ने खदान के प्रस्ताव पर विरोध प्रस्ताव भी पारित कर दिया।
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ग्राम पंचायत ने अपनी कार्रवाई की सार जानकारी एसडीएम और जनपद पंचायत को भेज दी ,लेकिन जिला पंचायत ने कलेक्टर को पत्र भेजकर कहा है कि ग्रामसभा की विशेष बैठक के आदेश को अगले आदेश तक के लिए स्थगित किया जाये ।

हसदेव बचाओ आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रशासन इस पत्र के माध्यम से कलेक्टर को यह बताने की कोशिश कर रहा है कि घाटबर्रा में 8 जून को आयोजित हुई विशेष ग्रामसभा की बैठक कलेक्टर के आदेश के मुताबिक नहीं थी।
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गौरतलब है कि परसा ईस्ट केते बासन कोयला खदान साल 2012 में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित हुई थी। इसमें 2013 से खनन किया जा रहा है। साल 2019 में इस खदान के दूसरे चरण का प्रस्ताव आया था,जिसमे कोयला खनन प्रोजेक्ट के लिए 348 हेक्टेयर राजस्व भूमि, 1138 हेक्टेयर जंगल की जमीन के अधिग्रहण समेत करीब 4 हजार की आबादी वाले पूरे घाटबर्रा गांव को विस्थापित करने का प्रस्ताव है। इन क्षेत्रो में खदान को बनाने के लिए हरे भरे जंगल भी काटे जा रहे हैं, जिसका हसदेव अरण्य के ग्रामीण विरोध भी कर रहे हैं।
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English summary
Chhattisgarh: Resolution passed in Gram Sabha against Hasdeo Aranya, but the administration said it was illegal
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