CG: CSVTU में अधिकारियों की लापरवाही, विश्विद्यालय को 8 करोड़ का नुकसान, जानिए क्या है मामला
CSVTU तकनीकी विश्वविद्यालय के सेवानिवृत जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का बड़ा खामियाजा विश्वविद्यालय को आज भुगतना पड़ रहा है। आयकर विभाग का सर्टिफिकेट नहीं लेने की वजह से CSVTU को 8 करोड नुकसान उठाना पड़ रहा है
दुर्ग, 01सितम्बर। दुर्ग में स्थित प्रदेश के एकमात्र तकनीकी विश्वविद्यालय में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के सेवानिवृत जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का बड़ा खामियाजा विश्वविद्यालय को आज भुगतना पड़ रहा है। आयकर विभाग का 12A व 10C सर्टिफिकेट नहीं लेने की वजह से CSVTU को 8 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जानिए
क्या
है
मामला
दरअसल
छत्तीसगढ़
स्वामी
विवेकानंद
तकनीकी
विश्वविद्यालय
भिलाई
को
स्थापना
के
साथ
ही
शासकीय
संस्था
होने
के
कारण
नो
लॉस
नो
प्रॉफिट
संस्था
के
लिए
आयकर
विभाग
से
कर
में
छूट
के
लिए
10
(23C)
और
12A
प्रमाण
पत्र
लेना
जरूरी
था।
लेकिन
तत्कालीन
अधिकारियों
ने
इस
ओर
कभी
ध्यान
नही
नही
दिया।
जिसके
चलते
आयकर
विभाग
ने
प्रमाण
पत्र
नहीं
होने
की
स्थिति
में
सीएसवीटीयू
को
प्रॉफिटेबल
संस्था
समझकर
8
करोड़
रुपए
की
रिकवरी
निकाल
दी।
विश्विद्यालय
प्रबन्धन
ने
यह
राशि
आयकर
विभाग
को
सौंप
दी।
लेकिन
अब
इसके
बाद
जिम्मेदारों
ने
सर्टिफिकेट
के
लिए
आवेदन
किया।
अब
रकम
वापसी
के
लिए
जद्दोजहद
आयकर
विभाग
को
8
करोड
रुपए
की
राशि
तो
स्वामी
विवेकानंद
तकनीकी
विश्वविद्यालय
ने
जमा
कर
दी
लेकिन
अब
विवि
इस
राशि
को
वापस
लेने
की
लिए
जद्दोजहद
कर
रहा
है।
कुछ
दिनों
पहले
ही
विश्वविद्यालय
के
लेखा
विभाग
ने
आयकर
विभाग
के
सामने
अपना
पक्ष
रखते
हुए
बताया
है
कि
शासकीय
विश्वविद्यालय
होने
के
नाते
विभाग
यह
राशि
वापस
करें,
ताकि
इसका
उपयोग
विद्यार्थियों
के
हित
में
किया
जा
सके।
इस
संबंध
में
विवि
ने
आयकर
विभाग
मेें
अपील
दायर
की
है।
राशि
लौटाने
का
नही
है
नियम
आयकर
से
जुड़े
मामलों
के
जानकार
चार्टर्ड
अकाउंटेंट
संदीप
अग्रवाल
बताते
हैं
कि
नो
प्रॉफिट
नो
लॉस
संस्थान
को
कर
में
छूूट
के
लिए
पंजीयन
करना
होता
है।
शर्त
यह
होती
है
कि
संस्थान
को
होने
वाली
आय
का
85
फीसद
हिस्सा
खर्च
होना
जरूरी
है।
इसके
साथ
ही
विवि
को
भी
रिटर्न
समय
से
दाखिल
करना
होगा।
आयकर
विभाग
का
नियम
है
कि
12A
के
तहत
एक
करोड़
से
नीचे
के
फंड
पर
कोई
टैक्स
नहीं
है,
लेकिन
इससे
ऊपर
आय
होने
पर
12A,
10C
दोनों
सर्टिफिकेट
जरूरी
होंगे,
इसके
बाद
ही
छूट
ली
जा
सकेगी।
ऐसा
नहीं
करने
पर
आयकर
विभाग
संस्था
का
खाता
भी
सीज
कर
सकता
है।
Chhattisgarh:
खैरागढ
और
मोहला-मानपुर
जिलों
की
शुरुआत
करेंगे
सीएम
भूपेश,
जानिए
नए
जिलों
का
समीकरण
आयकर
विभाग
में
नही
है
कोई
नियम
उन्होंने
बताया
कि
ऐसे
मामलों
में
आयकर
विभाग
में
पैसा
जमा
होने
के
बाद
राशि
वापस
हासिल
करना
बहुत
ही
मुश्किल
काम
है,
क्योंकि
आयकर
के
पास
इसका
कोई
नियम
ही
नहीं
है,
जिसमें
राशि
लौटाई
जा
सके।
वहीं
आयकर
विभाग
के
सूत्रों
की
अनुसार
विश्विद्यालय
को
8
करोड़
रुपए
की
राशि
वापस
करने
के
लिए
आयकर
विभाग
से
कोई
भी
अच्छे
संकेत
नहीं
मिले
है।
पहले
से
था
नो
लॉस
नो
प्रॉफिट
की
संस्था
विश्विद्यालय
के
कुलसचिव
डॉ.
के.के
वर्मा
का
कहना
है
कि
आयकर
विभाग
के
जरूरी
सर्टिफिकेट
नहीं
होने
से
8
करोड़
की
राशि
कर
के
रूप
में
चली
गई।
जबकि
नो
लॉस
नो
प्रॉफिट
संस्थान
विश्विद्यालय
पहले
भी
था।
हमने
विभाग
से
अपील
की
है।
इसकी
जनाकरी
मिलने
पर
हमने
जरूरी
सर्टिफिकेट
के
लिए
आवेदन
कर
सभी
सर्टिफिकेट
भी
हासिल
कर
लिए
गए
हैं।