छत्तीसगढ़:जंगली हाथियों पर शिकंजा कसने काम आएगी अफ्रीकी दवा
Chhattisgarh: African medicine will be useful to tighten the noose on wild elephants
रायपुर, 24 जनवरी। छत्तीसगढ़ में जंगली हाथियों से निपटने के लिए वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है ,लेकिन मानव-हाथी द्वन्द रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। हाथियों की लोकेशन ट्रेक करने के लिए वन विभाग ने हाथियों के गले में कॉलर आईडी लगाने में काफी दिक्क़ते आ रही है। वन विभाग हाथियों को इंसानी बस्तियों से दूर रखने के लिए जिन दवाओ का इस्तेमाल जानवरो पर करता है ,वह उतनी कारगर नहीं हो रही हैं,लिहाजा अब साउथ अफ्रीका की दवाओं का उपयोग किया जायेगा।
आसानी से लगाई जा सकेगी सैटेलाइट कॉलर आईडी
दरअसल हाथियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग उनपर सैटेलाइट कॉलर आईडी लगाता है,इस उपकरण को लगाने से पहले उन्हें बेहोश करना होता है। अभी तक वन विभाग के पास हाथियों को बेहोश करने के लिए जलाजीन और कीटामीन दवा का इस्तेमाल किया जाता है। इन दवाओं के इंजेक्शन से हाथी को बेहोश होने में लगभग आधे घंटे के आसपास समय लगता है।
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ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया ने छत्तीसगढ़ के वन विभाग को साउथ अफ्रीका से इटारफीन, थायानील और एक्टीओन नाम के इंजेक्शन खरीदने की अनुमति दे दी है। इन दवाओं के इस्तेमाल से हाथी केवल 2 से 3 मिनट में बेहोश हो जायेगा। इस इंजेक्शन के लगाने से हाथी तीन मिनट के अंदर बेहोश हो जाएगा और हाथियों पर आसानी से आइडी लगाई जा सकेगी।
हाथियों का उत्पात है जारी
छत्तीसगढ़ के अलग अलग हिस्सों में हाथियों का उत्पात जारी है। रविवार सुबह खेत में काम करने गई महिला को हाथियों ने मार डाला। मामला धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र का है ,जहां चापकछार गांव में रहने वाली 50 वर्षीय देवकुमारी अहीर अपने खेत में गई थी। इसी समय वहां मौजूद हाथियों ने उसपर हला कर दिया।इसी प्रकार महासमुंद ,कोरबा ,सरगुजा ,रायगढ़ सभी स्थानों पर लगातार हाथियों के दाल सक्रिय रहने से ग्रामीणों में खौफ बना हुआ है।