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Bemetara: केला तना रेशा उत्पादन से प्रभावित हुुई जर्मन की क्रिस्टेल, विदेशों में प्राकृतिक रेशे की डिमांड

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विदेशों में प्राकृतिक रेशे से बने कपड़े की बढ़ती डिमांड कि चलते अब विदेशी कंपनियां छत्तीसगढ़ का रुक करने लगी हैं। जर्मनी की मशहूर अंतरराष्ट्रीय कपड़ा निर्माता कम्पनी ALDI ग्रुप के अनुसंधान समूह ने बेमेतरा जिले का दौरा किया। इस समूह ने छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले केला तना रेशा से निर्मित धागे और इनसे निर्मित हस्तशिल्प की जानकारी ली। जाना क्रिस्टेल और उसकी टीम ने छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति से भी मुलाकात कर इस विषय में चर्चा की है।

banana fiber

महिलाएं कर रही केला तना रेशा उत्पादन

बेमेतरा जिले के ग्राम राखी के गौठान में केला तना रेशा निष्कासन इकाई का भ्रमण किया। यहां उन्नति महिला केला तना रेशा उत्पादक समिति की महिलाओं से मुलाकात कर इस क्षेत्र में केला तना रेशा से निर्मित की जाने वाली विभिन्न उत्पादों की पूरी जानकारी प्राप्त की। दरअसल जाना क्रिस्टेल स्टेम ALDI कपड़ा उत्पादन कम्पनी के लिए भारत के विभिन्न क्षेत्रों से टिकाऊ एवं पर्यावरण के अनुकुल प्राप्त प्राकृतिक रेशा से निर्मित धागे, कपड़े एवं हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों का अध्ययन कर रही हैं। जिससे वे जर्मनी में प्राकृतिक परिधान के कॉन्सेप्ट को अपना सके। क्योंकि विदेशों में प्राकृतिक रेशे से बने कपड़े की ज्यादा डिमांड है।

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ALDI कम्पनी कर सकती है अनुबंध
राखी गौठान में महिला समूह द्वारा दैनिक जीवन में आवश्यकतानुसार उपयोग की जाने वाली वस्तुओं का निर्माण किया जा रहा है। जाना क्रिस्टेल ने महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे इस अनुठे पहल की सराहना की। जर्मनी कपड़ा निर्माता कंपनी के अनुशंधान विभाग की सदस्य जाना क्रिस्टेल ने भरोसा जताया है कि ग्रुप निश्चित ही छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक रेशा के इस क्षेत्र में काम करना चाहेंगी और वह जर्मनी की ALDI ग्रुप से इसकी चर्चा करेंगी। उन्होंने पूरा रिपोर्ट भी तैयार किया।

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जाना क्रिस्टेल ने महिलाओं से साझा किया अनुभव
कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वैज्ञानिक डॉ. रंजीत सिंह राजपूतनके माध्यम से जाना क्रिस्टेल ने महिलाओं से बातचीत कर सभी को जर्मनी में रेशा से कपड़ा निर्मित करने का कार्य अनुभव साझा किया। साथ ही कृषि अपशिष्ट से उत्पादित विभिन्न सामग्रियों के उपयोग से वर्तमान की महत्वपूर्ण समस्याएं जैसे-ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन इत्यादि के प्रभाव को कम करने में कैसे सहायक हो सकती है। उन्होने बताया कि उनके क्षेत्र में पालीस्टर, सींथेटिक इत्यादि के कपड़ों का इस्तेमाल अत्यधिक किया जा रहा है। जिसमें कुछ मात्रा में कपास को मिलाकर सींथेटिक कपड़ों का निर्माण किया जा रहा है।

केला तना रेशा से बनने वाले उत्पादों की दी जानकारी
इस दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वैज्ञानिक डॉ. एकता ताम्रकार के द्वारा बेमेतरा में केले की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। केला फसल अवशेष की उपयोगिता बताई गई। तोषण कुमार ठाकुर ने हस्तनिर्मित विभिन्न प्रकार के केला तना रेशा से बने पेपर बनाने की तकनीक एवं इनके उत्पादों के मार्केटिंग की जानकारी दी। डॉ. चेतना बंजारे ने हस्तशिल्प एवं हथकरघा से निर्मित उत्पादों एवं केला तना की व्यवस्था की जाने की जानकारी दी गई।

जाना क्रिस्टले ने कृषि मंत्री से की मुलाकात
जाना क्रिस्टेली स्टेम ने इंदिरा गांधी कृषि विष्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति, डॉ. गिरीष चंदेल, निदेशक विस्तार सेवायें, डॉ. अजय वर्मा से भी मुलाकात किया एवं इस क्षेत्र में अनुबंध, विपणन इत्यादि विषय पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा से भी मिलकर छत्तीसगढ़ राज्य की प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धताएं एवं प्राकृतिक रेशा की महत्ता व इनकी बहुतायत उपलब्धता की जानकारी ली गई।

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English summary
Bemetara: Germany's Kristel impressed by banana stem fiber production, demand for natural fiber abroad
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