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Chhattisgarh News: 4 दर्जन केला, 40 टेबलेट खाकर होश में आया जंगली हाथी, फिर मची अफरा तफरी

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में हाथियों का आतंक बदस्तूर जारी है। लेकिन इस बीच वन विभाग इनके संरक्षण के साथ-साथ बीमार जंगली हाथियों के इलाज के लिए भी जोखिम उठाता है। इसी तरह का मामला जशपुर जिले में सामने आया हैं। जहां अपने दल से बिछड़ कर एक दंतैल हाथी ग्राम पंचायत साजबहार पहुंच गया। यहां एक किसान के खेत में हाथी करंट की चपेट में आकर बेहोश हो गया था। जिसके बाद बड़ी मुश्किल से उसका इलाज किया गया।

chhattisgarh elephant

11 केवी करंट की चपेट में आया हाथी
जशपुर जिले के ग्राम पंचायत साजबहार के बरकत पाली गांव में एक हाथी अपने दल बिछड़ कर खेतों की ओर आ पहुंचा यहां खेत से गुजरे बिजली खंबे को हाथी लात से मारने लगा। हाथी की मार से 11 केवी का बिजली खम्बा टूट गया। और उसका हाईवोल्टेज तार हाथी पर आ गिरा। हाथी को इस तार से इतना तेज झटका लगा कि वह वहीं बेहोश गया। इसकी सूचना ग्रामीणों को मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ लग गई। ग्रामीणों ने सोचा कि हाथी की करंट में चपेट में आने से मौत हो गई है।

Elephant Jashpur

10 घण्टे की मशक्कत के बाद उठा हाथी, खिलाया 40 एविल टैबलेट
इस खबर की सूचना फैलते ही देखते ही देखते गांव के सैकड़ों लोगों की भीड़ वहां जमा हो गई। जिसके बाद लोगों ने जशपुर फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। अधिकारियों की 10 घंटे की मशक्कत के बाद हाथी को होश आया। इस बीच हाथी के शरीर में पानी की कमी होने से बचाने के लिए पानी पिलाया, चार दर्जन केला खिलाया, केले के पत्ते और 40 एविल की गोलियां दी गई। जिसके दो घण्टे बाद हाथी बेहोशी की हालत से बाहर आया।

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हाथी के उठते ही मची अफरा तफरी, टैंकर को पलटा
जशपुर के ग्राम साजबहार के ग्रामीणों के बीच उस वक्त भगदड़ मच गई। जब हाथी अचानक बेहोसी से उठ खड़ा हुआ। जैसे ही चिंघाड़ मारते हुए हाथी उठा तब ग्रामीण और वन विभाग के डॉक्टर, रेंजर सभी अपनी जान बचाने भागने लगे, उठते ही हाथी ने पानी से भरे टैंकर को पलट दिया और तेजी से भागता हुआ जंगल को ओर पहुंच गया। जिसके बाद वन विभाग के रेंजर और अधिकारियों ने राहत की सांस ली। वन विभाग के कर्मचारियों ने हाथी के दल का लोकेशन ट्रेस किया। जिसमें हाथी को शामिल किया जा सके।

Jashpur में Baby Elephant अब तक परिवार से दूर, जंगल में नहीं मिला परिवार, पुनर्वास केंद्र में रखने की तैयारी
नन्हे हाथी को नहीं मिला परिवार, रिजर्व सेंटर ले जाने की तैयारी
इसी तरह 13 सितम्बर को हाथियों के दल से बिछड़कर एक नन्हा हाथी जशपुर जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के समड़मा गांव में पहुंच गया था। जो एक माह बाद भी अपने परिवार से नहीं मिल पाया है अब उसे लवाकरा के रेस्ट हाउस में रखा गया है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने अधिकारियों को नन्हे हाथी के उचित देख रेख के निर्देश दिए थे। जिसके बाद 2 डॉक्टर और 5 महावतों को रेस्ट हाउस में तैनात किया गया था। अपने दल से बिछे बच्चे के स्वास्थ्य में थोड़ी गिरावट देखी जा रही है । जिसे अब बलरामपुर के हाथी रिजर्व सेंटर सफ्ट करने की तैयारी की जा रही है।
जशपुर, सूरजपुर में जारी है हाथियों का उत्पात
छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र जशपुर और सूरजपुर जिले में हाथियों का उत्पात जारी है । मध्यप्रदेश और झारखंड के सीमा से लगे बॉर्डर के जंगलों से हाथियों की आमद छत्तीसगढ़ में होती है। किसानों के फसलों और घरों को नुकसान पहुंचाने के अलावा हाथियों के दलों ने कई ग्रामीणों कुचलकर मार डाला है। बलरामपुर के तमोर पिंगला अभ्यारण में हर साल 70 से 80 हाथियों का दल पहुंचता है। जिसके चलते यहां हाथी रिजर्व सेंटर बनाया गया है।

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English summary
Chhattisgarh News: After 10 hours after eating 4 dozen bananas, 30 tablets, wild elephant came to its senses, then there was chaos
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