
Rupee vs Dollar: कारोबार शुरू होते ही रुपये में आई गिरावट, पहुंचा 82 के करीब
नई दिल्ली, 28 सितंबर: सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी रुपये की हालत चिंताजनक बनी हुई है। बुधवार को कारोबार शुरू होते ही रुपये ने फिर से सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। पीटीई की रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले घरेलू मुद्रा 40 पैसे गिरकर 81.93 के निचले स्तर पर पहुंच गई। वहीं ब्लूमबर्ग ने रुपये को 81.9050 प्रति डॉलर पर दिखाया, जबकि बीते दिन ये 81.5788 पर बंद हुआ था।

विशेषज्ञों के मुताबिक कमजोर होता रुपया देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी घातक है। भारत बहुत सी चीजें विदेशों से आयात करता है, जिसका भुगतान डॉलर में होता है। ऐसे में रुपया कमजोर होने से महंगाई बढ़ेगी। वैसे हालात सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों में भी चिंताजनक बने हुए हैं। जैसे ब्रिटेन के पाउंड में भी ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई। वो अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर डॉलर की बढ़ती मांग और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से रुपये में गिरावट आ रही है।
दवाओं के दाम बढ़ने की आशंका
भारत दवाओं और इलेक्ट्रिक सामान का आयात कई देशों से करता है। इसके अलावा कई खाद्य पदार्थ भी बाहर से ही आते हैं। ऐसे में डॉलर बढ़ने से उसका भुगतान महंगा हो जाएगा। जिसका साफ असर भारतीय बाजार में दिखेगा। वहीं भारत 80 प्रतिशत कच्चा तेल भी आयात करता है, ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, येन और यूआन के गिरने से एशिया में गहराया संकट
क्या है डॉलर की मजबूती का मतलब?
अगर आप अमेरिका जाते हैं तो आपको उससे पहले डॉलर खरीदना होगा। डॉलर की मजबूती के बाद अब आपको एक डॉलर खरीदने के लिए 81.93 रुपये देना होगा। वहीं कोई अमेरिकी भारत आता है, तो वो एक डॉलर के बदले 81.93 रुपये पाएगा। डॉलर की मजबूती से अंतरराष्ट्रीय व्यापार सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, क्योंकि भारत ज्यादातर देशों से डॉलर में ही व्यापार करता है।