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500 और 2000 के नोटों के बारे में 'RBI' ने नहीं बताई ये बात

BRBNMPL कंपनी से एक आरटीआई के जरिए पूछा गया था कि आखिर 500 और 2000 रुपए के नोटों की छपाई के लिए कागज कहां से लाए जा रहे हैं।

By Anujkumar Maurya
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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के मालिकाना हक वाली एक कंपनी ने 500 और 2000 रुपए के नोटों को छापने के लिए लाए गए कागज की जानकारी देने से मना कर दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL) ने कहा है कि वह यह नहीं बता सकता है कि इन नोटों की छपाई के लिए कागज कहां से लाए गए थे। ये भी पढ़ें- खतरे में ATM ! जानिए क्या हो सकता है आपके पैसों के साथ?

अपराध है ये!

अपराध है ये!

BRBNMPL कंपनी से एक आरटीआई के जरिए पूछा गया था कि आखिर 500 और 2000 रुपए के नोटों की छपाई के लिए कागज कहां से लाए जा रहे हैं। इसके जवाब में कंपनी ने कहा है कि यह जानकारी देना भारत की संप्रभुता को प्रभावित कर सकता है और साथ ही BRBNMPL ने यह भी कहा है कि ऐसा करना अपराध भी हो सकता है। ये भी पढ़ें- अब आधार और पैन कार्ड की गलतियां ऑनलाइन कर सकते हैं सही

क्यों मांगी ये जानकारी?

क्यों मांगी ये जानकारी?

दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाया जा रहा था कि नए नोटों की छपाई के लिए ऐसी कंपनी के कागज खरीदे जा रहे हैं, जिसे ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। इस पर न्यूज एजेंसी पीटीआई के एक रिपोर्टर ने आरटीआई के जरिए आयात किए जाने वाले कागज की जानकारी मांगी। RBI ने कहा कि यह जानकारी सूचना के अधिकार के सेक्शन 8(1)(a) के तहत आती है। ये भी पढ़ें- रामदेव और बालकृष्ण की योजना, बैलों से मुफ्त में बनेगी बिजली

क्या है सूचना के अधिकार का सेक्शन 8(1)(a)

क्या है सूचना के अधिकार का सेक्शन 8(1)(a)

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क्या है BRBNMPL

क्या है BRBNMPL

BRBNMPL भारतीय रिजर्व बैंक की 100 फीसदी हिस्सेदारी वाली सब्सिडियरी है। इसमें करंसी नोट छापे जाते हैं। इन नोटों के छापने के लिए कागज भी यह कंपनी ही खरीदती है। कर्नाटक के मैसूर और पश्चिम बंगाल के सालबोनी में इस कंपनी की दो प्रिंटिंग प्रेस हैं। मौजूदा समय में इन दोनों प्रेस से सालाना 16 अरब नोट छापे जा सकते हैं। ये भी पढ़ें- चार कागज ही नहीं, चालान से बचने के लिए ये भी रखें गाड़ी में

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English summary
rbi not sharing from where they imported paper to print 500 and 2000 rupees notes
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