डॉलर के मुकाबले क्यों कमजोर हुआ रुपया, आरबीआई गवर्नर ने बताई वजह
मुंबई, 05 अगस्त। जिस तरह से भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले पिछले कुछ दिनों में कमजोर हुआ है उसको लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इसकी वजह से वैश्विक परिस्थितियां हैं। गवर्नर ने कहा कि रुपए के कमजोर होने की अहम वजह अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है। भारतीय अर्थव्यवस्था या फिर देश के मैक्रोइकोनॉमिक्स का कमजोर होना इसकी वजह नहीं है। भारतीय रुपया कहीं बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, यह दुनिया की अन्य कई करेंसी की तुलना में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
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इस वजह से कमजोर हुआ रुपया
शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई द्वारा बाजार में हस्तक्षेप करने से रुपए को मजबूती मिली है, रुपए में बड़ी गिरावट नहीं हुई है। हम इसपर नजर रख रहे हैं और पूरी तरह से हमारा ध्यान रुपए को स्थिर रखने पर है। गवर्नर ने यह बयान आज आरबीआई की मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए दिया। मौजूदा वित्त वर्ष की बात करें तो यूएस डॉलर इंडेक्स में 8 फीसदी की मजबूती देखने को मिली है। जबकि भारती रुपए में सिर्फ 4.7 फीसदी की ही गिरावट हुई है। गौर करने वाली बात है कि भारतीय रुपया जुलाई माह में अमेरिकी डॉलर की तुलना में 80 तक पहुंच गया था। इतिहास में पहली बार रुपया 80 तक पहुंचा था। विश्लेषकों का कहना है कि इसके पीछे की बड़ी वजह ट्रेड डेफिसिट, अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत थी।
ब्याज दरें बढ़ीं
वहीं आरबीआई की मौद्रिक नीति की बात करें तो रिजर्व बैंक ने आज ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है। रिजर्व बैंक ने आज रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी की है। इस बढ़ोत्तरी के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी हो गया है। महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए आरबीआई ने एक बार फिर से ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की है। आज की बढ़ोत्तरी के बाद रेपो रेट कोरोना महामारी के शुरू होने से पहले वाले स्तर 5.15 को पार कर गया है। बता दें कि रेपो रेट में बढ़ोत्तरी करने से बाजार में पैसे की मांग कम होती है, जिससे महंगाई दर नीचे आती है।
महंगाई पर नियंत्रण की कोशिश
भारत की खुदरा महंगाई दर की बात करें तो यह 6 फीसदी से अधिक रही है, लगातार छठे महीने में महंगाई दर 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। जेल माह में महंगाई दर 7.01 फीसदी तक पहुंच गई थी। वहीं रिजर्व बैंक की ओर से अनुमान जताया गया है कि 2022-23 में विकास दर 7.2 फीसदी रहेगी। पहले क्वार्टर में 16.2, दूसरे में 6.2, तीसरे में 4.1 और चौथे क्वार्टर में यह 4 फीसदी रहने की संभावना है। शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई वित्त वर्ष 2022-23 में 6.7 फीसदी रहने की संभावना है।