गरीबों के इलाज के नाम पर आयुष्मान कार्ड से धोखाधड़ी के मामले में क्राइम ब्रांच ने किया खुलासा
गरीबों के इलाज के नाम पर आयुष्मान कार्ड से धोखाधड़ी के मामले में क्राइम ब्रांच ने बड़ा खुलासा किया है।
भोपाल, 2 जून। गरीबों के इलाज के नाम पर सरकारी पैसा लूटने वाले भोपाल के प्राइवेट अस्पताल पर क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई की है। आयुष्मान भारत मध्य प्रदेश के सीईओ ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने डॉक्टर विवेक परिहार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। विवेक परिहार वैष्णो मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के संचालक है। क्राइम ब्रांच ने बताया कि डॉक्टर के एमबीबीएस मार्कशीट की भी जांच की जाएगी।
बता
दें
कि
राजधानी
भोपाल
में
वनइंडिया
ने
निजी
अस्पतालों
द्वारा
किए
जा
रहे
फर्जीवाड़ों
के
मामले
को
सबसे
पहले
उठाया
था।
वनइंडिया
ने
अपनी
खबर
में
बताया
था
कि
कैसे
गरीबों
की
गरीबी
का
फायदा
उठाकर
प्राइवेट
अस्पताल
सरकारी
धन
लूट
रहे
हैं।
जिसके
बाद
कलेक्टर
ने
मामले
पर
संज्ञान
लेते
हुए
जांच
करने
की
बात
कही
थी।
अब
क्राइम
ब्रांच
ने
गरीबों
के
इलाज
के
नाम
आयुष्मान
कार्ड
से
धोखाधड़ी
के
मामले
में
बड़ा
खुलासा
किया
है।
बता
दें
कि
आरोपी
आयुष्मान
योजना
के
नाम
पर
करोड़ों
का
फर्जीवाड़ा
कर
रहे
थे।
कई
निजी
अस्पताल
तो
मंत्रालय
के
भ्रष्ट
अधिकारियों
से
सांठगांठ
कर
संचालित
हो
रहे
हैं।
इतना
ही
नहीं,
मुख्यमंत्री
स्वेच्छा
अनुदान
डिपार्टमेंट
में
बैठने
वाले
कई
अफसर
भी
इस
खेल
में
शामिल
हैं।
फिलहाल,
क्राइम
ब्रांच
पुलिस
अभी
सभी
एंगल
पर
जांच
कर
रही
है।
भोपाल के वैष्णो अस्पताल ने किया आयुष्मान योजना के नाम पर धोखाधड़ी
राजधानी भोपाल के खजूरी रोड स्थित वैष्णव मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के खिलाफ आयुष्मान योजना के तहत फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने के बाद भोपाल क्राइम ब्रांच ने अस्पताल के संचालक विवेक परिहार के खिलाफ मामला दर्ज कर प्रकरण में जांच शुरू कर दी है। क्राइम ब्रांच ने अस्पताल में भर्ती उन सभी मरीजों का रिकॉर्ड मांगा है जिनका इलाज आयुष्मान योजना के तहत होना बताया गया है। शिकायत में यह जानकारी प्राप्त हुई है कि 62 फर्जी मरीज अस्पताल में भर्ती बताकर आयुष्मान योजना के तहत 1 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान ले लिया गया है, लेकिन इसमें से 32 मरीज तो ऐसे हैं जो अस्पताल में भर्ती हुए ही नहीं फिर उनके दस्तावेजों के जरिए किस तरह से आयुष्मान योजना का लाभ लिया गया। आयुष्मान योजना की टीम की जांच रिपोर्ट मैं ये बात सामने आई थी।
आयुष्मान योजना कार्यालय ने ही पकड़ा घोटाला
आयुष्मान योजना के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक साल में वैष्णो अस्पताल की ओर से आयुष्मान योजना के तहत करीब डेढ़ करोड़ रुपये राशि क्लेम की गई है। इसमें से ₹1करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। अस्पताल द्वारा जब कार्ड धारक मरीजों का डाटा भेजा गया तब योजना का सुपरविजन कर रहे अधिकारियों ने इस डाटा पर संदेह हुआ और उन्होंने अपने स्तर पर जांच की तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद बाकी की 50 लाख रुपये की राशि रोक ली गई है ।
क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने कही कार्रवाई की बात
क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त क्राइम शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि आयुष्मान योजना के डॉक्टर पद्माकर त्रिपाठी द्वारा इस संबंध में हमें शिकायती आवेदन दिया गया है। उनकी शिकायत और तथ्यों के आधार पर मामला दर्ज कर पूरे मामले को विवेचना में ले लिया गया है। शीघ्र ही अस्पताल से सारे दस्तावेज लेकर और हितग्राहियों के बयान इत्यादि लेने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान योजना से भी किया फर्जीवाड़ा
वनइंडिया ने पहले ही बताया था कि भोपाल के कोलार में स्थित महावीर हॉस्पिटल में गरीब लोगों की बेबसी का फायदा उठाकर दलाल उन्हें जबरन हॉस्पिटल में भर्ती करवाते हैं। इसके बाद गरीब लोगों को झूठमूठ का मरीज बनाकर उनसे मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान योजना के तहत मदद के लिए आवेदन करवाते हैं। इस दौरान कुछ दिनों तक निजी अस्पताल मरीज को बिना किसी बीमारी के ही अस्पताल में भर्ती रखते हैं। जब सरकार द्वारा पैसा आ जाता है, तो उसके बाद दलाल और निजी अस्पताल पूरा पैसा हड़प लेते हैं और मरीज को धमकाकर वापस घर भेज देते हैं।