मुस्लिम दंपति ने करवाई अनाथ बच्ची की शादी, धर्म नहीं जानते थे तो अपनाया ये तरीका
भोपाल। देश की राजधानी दिल्ली भले ही दंगों की आग में जली हो, मगर मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक मुस्लिम दंपति ने भाईचारे और सौहार्द की मिसाल पेश की है। निर्भया आश्रय गृह चलाने वाले इस दंपति ने एक अनाथ लड़की को अपनी बेटी मानकर उसकी शादी करवाई है।
निर्भया आश्रय गृह का संचालन समर खान ने बताया कि आश्रम में रहने वाली चंचल के सिर से पांच साल की उम्र में माता-पिता का साया उठ गया। उसकी देखभाल करने को कोई रिश्तेदार तैयार नहीं हुआ और उसे उज्जैन स्थित एक आश्रम में भेज दिया। फिर वह भोपाल के आश्रम में रही और 18 साल की होने के बाद हमारे आश्रम में शिफ्ट हुई।
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हम तो उसका धर्म तक नहीं जानते। वह आश्रम में पली-बढ़ी। यहां पर फैशन डिजाइनिंग कोर्स करवाया। जब शादी लायक हुई तो विज्ञापन दिया, जिसके आधार पर कई प्रस्ताव आए। इससे पहले उसने कुछ साल पहले एक गुरुद्वारे में पंजाबी शादी देखी और हमें बताया कि वह भी सिख परंपराओं के अनुसार शादी करना चाहती थी।
इसलिए हमने दूल्हे विवेक के परिवार से बात की और वे सहमत हो गए। शादी बुधवार सुबह ईदगाह हिल्स गुरुद्वारा में कराई गई। सिख समुदाय में विवाह को आनंद कारज कहा जाता है। कन्यादान मनु व्यास और उनकी पत्नी रश्मि व्यास ने कन्यादान किया। उन्होंने लड़की के माता-पिता की जिम्मेदारी पूरी की।