चर्च स्ट्रीट धमाका: बेंगलुरु में ठहरे थे सिमी आतंकी, 10 लाख का ईनाम घोषित
बेंगलुरु। चर्च स्ट्रीट पर धमाके का सुराग जो सिक्योरिटी गार्ड दे सकता था, वो उस वक्त मौके पर मौजूद नहीं था, जब बम को वहां प्लांट किया गया। यानी आतंकियों ने सिक्योरिटी गार्ड की दिन भर की गतिविधियों के बारे में अच्छी तरह पता लगाया था। खुफिया विभाग के अधिकारियों की मानें तो सिमी के आतंकी कुछ महीने पहले बेंगलुरु आये थे और यहां ठहरे भी थे।
हम आपको बता चुके हैं कि चर्च स्ट्रीट धमाकों का पहला शक सिमी पर जा रहा है। यह कड़ी तब और मजबूत हो जाती है, जब मध्य प्रदेध एटीएस के द्वारा दी गई रिपोर्ट पर नजर जाती है। मध्य प्रदेश एटीएस ने एक रिपोर्ट में बताया है कि सिमी के दो आतंकी एक महीने पहले दो दिन के लिये बेंगलुरु आये थे। उसके बाद वे हैदराबाद गये। करीमनगर में बैंक में डाका डाला। इससे ऐसा लगने लगा है कि सिमी ने ही यह धमाका किया है।
दो घंटे चली पूछताछ
बेंगलुरु पुलिस ने चर्च स्ट्रीट पर तैनात रहने वाले सिक्योरिटी गार्ड से करीब दो घंटे पूछताछ की। उसने बताया कि शाम को वह सिगरेट की दुकान पर कुछ समय के लिये गया था, हो सकता है उसी वक्त बम प्लांट किया गया हो।
चेन्नई और पुणे के समान
एनआईए की टीम बेंगलुरु पहुंच चुकी है और अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच में पाया है कि यह धमाका भी पुणे और चेन्नई धमकों के जैसा ही है। इस वारदात को अंजाम देने का तरीका भी लगभग समान है। उन दोनों वारदातों को सिमी ने ही अंजाम दिया था। सिमी कम तीव्रता वाले बम बनाने में एक्सपर्ट है।
रविवार धाम धमाके में चेन्नई की रहने वाली भवानी की मौत हो गई।
10 लाख का ईनाम घोषित
बेंगलुरु पुलिस ने चर्च स्ट्रीट धमाके का सुराग देने वाले को 10 लाख रुपए का ईनाम देने की घोषणा की है। वहीं दोपहर को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने प्रेसवार्ता में मृतक लड़की के परिजनों के लिये 5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया था।
माल्या अस्पताल के बाहर भवानी के परिजन रोते बिलखते हुए।
खंगाले जा रहे हैं सीसीटीव फुटेज
पुलिस ने अब तक 11 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज अपने कब्जे में ले लिये हैं। इन फुटेज को बार-बार देखकर यह पता लगाने की कोशिश की जायेगी कि बम कब और कैसे रखा गया। पुलिस का कहना है कि बम रखने से पहले आतंकियों ने जगह का निरीक्षण कम से कम दो बार जरूर किया होगा।