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छत्‍तीसगढ़ के कई जिलों में सूखा, खेतों में पड़ी दरारें

By Ians Hindi
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में नवगठित बेमेतरा जिले में वर्षा की कमी के कारण कई गांव सूखे की चपेट में हैं। जिले के चारों ब्लाक में कई क्षेत्रों में कम बारिश होने से किसानों के चेहरों पर अकाल की आशंका साफ-साफ देखी जा सकती है। कई इलाकों में अधिक बारिश के कारण भी फसलें खराब होने से किसान परेशान हैं।

छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री दयालदास बघेल के गांव में भी फसल सूखे की भेंट चढ़ गई है। बेमेतरा जिले के लगभग 100 गांवों में अल्पवर्षा और भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चले जाने की वजह से सूखे की स्थिति पैदा हो गई है। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि इससे खेतों में दरारें पड़ गई हैं। खेतों में लगी धान की फसल झुलस रही है। इसके साथ-साथ धान की फसल में ब्लास्ट व झुलसा रोग भी तेजी से फैल रहा है।

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किसानों की लगभग 90 फीसदी फसल खराब हो गई है। किसानों को सिर्फ पैरा ही हाथ लगने की आशंका है। इससे क्षेत्र के किसान चिंतित हैं। फसल नष्ट होता देख किसान बैंक का कर्ज अदा नहीं कर पाने को लेकर परेशान हैं। उन्होंने कलेक्टर से इस क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने और किसानों का ऋण माफ करने की मांग की है।

बताया गया कि जिले में समय से पहले बारिश के बाद अचानक क्षेत्र के कई गांव में बारिश रुक गई। जिला मुख्यालय के आस-पास के क्षेत्र को छोड़कर बाकी इलाकों में खंड वर्षा से कृषि कार्य बुरी तरह प्रभावित है। नवागढ़ सहित साजा ब्लाक के कई गांव में खंड वर्षा हो रही है। इससे किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा बनता जा रहा है। साधन संपन्न किसानों ने अपने निजी बोरवेल से पानी की कमी को पूरा किया है। लेकिन जिनके पास सिंचाई का कोई साधन नहीं है, उनकी फसल की स्थिति दिनों-दिन खराब होती जा रही है।

बेतर के कृषक एवं बेरा पंचायत के सरपंच तानसेन पटेल ने बताया कि बारिश नहीं होने के कारण फसल को बीमारी लग गई। फसल सूखने लगी इससे किसानों ने करीब ढाई सौ एकड़ फसल को मवेशियों को चरने के लिए छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि फसल खराब होने की जानकारी कृषि विभाग के संबंधित अधिकारी को भी दे दी गई है।

सरपंच का कहना है कि समय पर पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण इस क्षेत्र के कई गांव में अकाल की स्थिति निर्मित हो गई है। पूर्व जनपद पंचायत सदस्य संजय तिवारी ने बताया बेतर, उमरिया, बेरा, कांपा, कटेरा, सुखाताल, तेंदू, अगरी, बशापुर, मोहतरा, धनाडीह में धान पानी के बिना सूख रहा है।

दूसरी ओर बेरला ब्लॉक के सावंतपुर, भेड़ी, सल्धा, डरजरा, खम्हरिया, बैजी, जैसे करीब 20 से 23 गांव में समय से पहले वर्षा होने से यहां के किसान अधिक पानी के कारण समय पर रोपनी नहीं कर पाए। बारिश के कारण कइयों की फसल चौपट हो गई। दोबारा रोपनी भी अधिक बारिश से खराब हो गई।

सावंतपुर के किसान अनिल माहेश्वरी ने बताया कि लगातार बारिश से फसल खराब होने के बाद किसान फिर से रोपनी नहीं कर पाए, क्योंकि रोपनी का समय गुजर गया था और कई किसान दोबारा ऋण लेने के स्थिति में नहीं थे। पूर्व जनपद सदस्य व किसान बहल वर्मा ने बताया कि क्षेत्र के लगभग 100 गांव सूखे की चपेट में हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में इस बार बारिश कम हुई और यहां का भूजलस्तर भी काफी नीचे चला गया है। इससे खेतों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। पानी के अभाव में फसल सूखकर नष्ट हो रही है। इसके साथ-साथ धान फसल में ब्लास्ट व झुलसा रोग हो गया है। किसान इसके नियंत्रण के लिए दवाई भी डाल रहे हैं, पर पानी के अभाव में दवाइयां भी असर नहीं कर रही हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

English summary
Other states are seeing heavy rains where as many districts in Chhattisgarh facing drought.
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